कैसे बचें जीका वायरस के खतरे से
डेंगू की ही तरह मच्छरों के माध्यम से फैलने वाले एक और वायरस जीका से विश्व के दर्जनों देश प्रभावित हुए हैं. जानिए जीका के संक्रमण से कैसे बचा जा सकता है.
लक्षण पहचानें
जीका वायरस से संक्रमित हर पांच में से एक में ही इसके लक्षण दिखते हैं. आम तौर पर संक्रमित व्यक्तियों में जोड़ों में तेज दर्द, आंखें लाल होना, मतली, चिड़चिड़ापन या बेचैनी जैसे लक्षण दिखाई देते हैं.
कहां से आया जीका
पहला मामला युगांडा में 1947 में दर्ज हुआ था. साल 2015 तक यह वायरस अफ्रीका, एशिया और प्रशांत द्वीपों में ही सुप्त अवस्था में पाया गया. अब तक 14 देशों में जीका वायरस का पता चला है.
कहां कहां फैला
अब इसका फैलाव ब्राजील समेत कई दक्षिण अमेरिकी देशों में हो चुका है. ब्राजील में विश्व भर से पर्यटकों के आने जाने के कारण वहां से इसके पूरी दुनिया में फैलने का डर है. कनाडा और चिली को छोड़कर सभी देश इस खतरे के दायरे में हैं.
कौन फैलाता है
जीका वायरस को एडीज मच्छर फैलाता है. इसलिए मच्छर के काटने से बचना सबसे जरूरी बचाव है. बिस्तर पर मच्छरदानी और बाहर निकलते समय शरीर पर क्रीम रेपलेंट का इस्तेमाल करना फायदेमंद है.
गर्भ में खतरा
केवल कुछेक मरीजों को ही अस्पताल में भर्ती कराने की नौबत आ सकती है. अब तक पकड़ में आए जीका संक्रमण के ज्यादातर मामले जानलेवा नहीं हैं. लेकिन गर्भवती महिलाओं के संक्रमित होने से होने वाले बच्चे को जन्म से ही कुछ दोष आ सकते हैं.
अविकसित बच्चे
अमेरिका के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) ने चेतावनी दी है कि जीका वायरस के कारण बच्चों में जन्मजात माइक्रोसिफेली दोष आ सकता है. इससे प्रभावित बच्चों का सिर छोटा रह जाने से उनके मस्तिष्क में स्थाई दोष आ जाता है.
संक्रमित क्या करें
सबसे जरूरी है कि आराम करें और जल्द डॉक्टर की सलाह लें. हेल्थ एक्सपर्ट बताते हैं कि बिस्तर में पड़े रहना चाहिए और खूब सारा पानी पीना चाहिए. शरीर में दर्द होने पर पैरासिटामॉल या एसिटीमिनोफेन लिया जा सकता है. इबूप्रोफेन दवा मना है.
ना टीका, ना इलाज
अब तक इस वायरस से निपटने के लिए कोई वैक्सीन या दवा नहीं बनी है. फिलहाल तो हर हाल में मच्छरों के काटने से बचना ही एक उपाय है. अपने आसपास मच्छरों के पनपने वाले नम इलाकों और ठहरे हुए पानी को हटाएं.