कैसा लगता है ग्रीनहाउस में रहना
१३ सितम्बर २०१६मोनिका टिल हर शाम अपनी नर्सरी का दरवाजा बंद कर लेती हैं. उसके बाद पूरा ग्रीन हाउस उनका अपना होता है, बस वो और उनके पति थोमस टिल. इस तरह के शीशे की छतों वाले घरों में आम तौर पर ट्यूलिप, सब्जियां और घरों में रखे जाने वाले पेड़ पौधे उगते हैं. लेकिन मोनिका और थोमस टिल ने यहां अपना घर भी बसाया है. ग्रीन हाउस में अपना छोटा सा घरौंदा. नर्सरी के मालिक थोमस टिल कहते हैं, "आप अपने उपर एक सुरक्षा कवच महसूस करते हैं और ये आरामदेह भी है. खासकर जब ऊपर पानी बरसने पर छमछम की आवाज होती है और आप बरसात के बावजूद हरियाली में जा सकते हैं."
रोजाना सुबह तड़के उठना टिल परिवार का रूटीन है. सुबह छह बजे वे नाश्ता करते हैं. बहुत से ग्राहकों को भी पता है कि टिल दम्पत्ति ग्रीन हाउस में रहते हैं. इसीलिए वो 9 बजे सुबह दुकान खुलने से पहले ही पहुंच जाते हैं. मना करने के बदले टिल ग्राहक की सेवा में लग जाते हैं. उन्हें पता है कि ग्राहक को बाहर इंतजार कराना ठीक नहीं, वे बताते हैं, "ग्राहकों को पता है कि हम यहां हमेशा होते हैं. बस एक अच्छी बात ये है कि काम पर जाने का खर्च बच जाता है. यहां रहना किफायती है."
टिल दम्पत्ति पौधों के बीच रहते हैं, 120 वर्गमीटर के इलाके में. थॉमस टिल बताते हैं, "हमारा ड्रॉइंग रूम के ग्रीन एरिया में हैं. यहां अलग अलग तरह के पौधे हैं. अंगूर का पौधा बाहर के पौधों से ज्यादा विकसित है, क्योंकि ग्रीन हाउस में सुरक्षित और गर्म माहौल है. यहां बांस है, एक पौधा जो हमारे यहां की सर्दी सहने लायक नहीं है. यहां फोटोनिया है जो हमेशा हरा भरा रहता है. और खजूर का पेड़ है." हर रोज काम की जगह पर जगना. मोनिका टिल को अब इसकी आदत लग गई है. वे कहती हैं, "किसी न किसी तरह ये सुरक्षा खोल है. हम एक खुले घर में रहते हैं लेकिन इसके बावजूद काम की जगह और घर का इलाका अलग है. ऐसा नहीं है कि कर्मचारी प्राइवेट हिस्से में आ जाएं. वे समझदार हैं." गर्मियों में शीशे के नीचे कमरे का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस तक चला जाता है. तब शटर की मदद से इसे ठंडा रखा जाता है.
1993 में टिल दम्पत्ति ने साहस जुटा कर काम और रहने का अपना सपना पूरा करने का फैसला लिया. उन्हें पता था कि वे क्या चाहते हैं. रहने और काम करने की जगह के बारे में कोई विवाद नहीं था. उन्होंने इस प्रोजेक्ट पर कई लाख यूरो खर्च किए. कर्मचारियों के लिए भी वहां काम करना आसान नहीं जहां मालिक का घर भी हो. कारीना इस बात को खुले मन से स्वीकार करती है. "आसान तो नहीं है. एक ओर तो कर्मचारियों का मालिक परिवार के साथ बड़ा आत्मीय माहौल है, लेकिन जब बॉस के घर में तनातनी होती है तो हमें भी पता चलता है. इस लिहाज से सब कुछ बड़ा हकीकत भरा, वास्तविक और असली होता है."