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कैडबरी की मिठास अब क्राफ़्ट के पास होगी

२० जनवरी २०१०

अमेरिका की क्राफ़्ट कंपनी की नई बोली के आगे ब्रिटेन की चॉकलेट बनाने वाली प्रसिद्ध कंपनी कैडबरी आख़िरकार पिघल ही गई. कैडबरी ने क्राफ़्ट की क़रीब 19 अरब डॉलर की बोली को स्वीकार किया. क्राफ़्ट बनी दुनिया की अग्रणी कंपनी.

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तस्वीर: AP

नए सौदे के तहत कैडबरी के शेयरधारकों को प्रति शेयर 840 पेंस का दाम मिलेगा. कैडबरी कंपनी अब अपने शेयरधारकों से क्राफ़्ट की इस बोली को स्वीकार करने का अनुरोध करेगी.

Cadbury Übernahme durch Kraft
तस्वीर: AP

कई महीनों से क्राफ़्ट कंपनी कैडबरी के अधिग्रहण के लिए आक्रामक रुख़ अपनाए हुए थी. क्राफ़्ट ने अपनी बोली को बढ़ा कर पेश किया था. शेयरधारकों को हर शेयर पर अब अलग से 10 पेंस प्रति शेयर का फ़ायदा होगा.

कैडबरी के चेयरमैन रोजर कार ने कहा है कि नए प्रस्ताव में कैडबरी के शेयरधारकों को अच्छा ऑफ़र मिला है. 840 पेंस प्रति शेयर के प्रस्ताव में 500 पेंस नकद दिए जाएंगे जबकि बाक़ी धनराशि के बदले क्राफ़्ट के शेयर दिए जाएंगे. कैडबरी के शेयरहोल्डर्स के पास इस बोली का समर्थन करने के लिए 2 फ़रवरी तक का समय दिया गया है.

इस अधिग्रहण के लिए क्राफ़्ट 11.5 अरब डॉलर का कर्ज़ ले रही है. दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी फ़ूड कंपनी क्राफ़्ट इस अधिग्रहण के बाद चॉकलेट और कन्फ़ेक्शनरी के क्षेत्र में बड़ी ताक़त बन जाएगी.

इस सौदे के बाद कन्फ़ेक्शनरी के 40 नए ब्रांड होंगे और सालाना क़रीब 10 करोड़ डॉलर की बिक्री होने की उम्मीद है. अगर शेयरधारक और नियामक संस्था इस सौदे को हरी झंडी दे देते हैं तो चॉकलेट और कन्फ़ेकशनरी के क्षेत्र में दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी मार्स को ज़बरदस्त झटका लगेगा. कैडबरी ब्रांड भारत में भी बेहद लोकप्रिय हैं और डेरी मिल्क चॉकलेट ख़ासतौर पर पसंद की जाती है.

लेकिन इस 'मीठे' सौदे से ब्रिटेन में कड़वाहट घुलती नज़र आ रही है. 186 साल पुरानी और 60 देशों में फैली कंपनी कैडबरी में बड़े पैमाने पर छंटनियों की आशंका गहरा गई है. ब्रिटेन की कर्मचारी यूनियन ने चेतावनी दी है कि इस अधिग्रहण के बाद क्राफ़्ट पर आर्थिक बोझ बढ़ जाएगा जिससे हज़ारों नौकरियां जा सकती हैं. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री गॉर्डन ब्राउन ने कहा है कि सरकार कैडबरी में नौकरियां बचाने के लिए हरसंभव प्रयास करेगी.

रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़

संपादन: ओ सिंह