कैटेलोनिया में जीते अलगाववादी लेकिन अधर में भविष्य
२२ दिसम्बर २०१७गुरुवार की रात बार्सिलोना में नतीजे आने के बाद समर्थकों ने "पुजदेमोन प्रेसिडेंट" के नारे लगाए. पुजदेमोन के टुगेदर फॉर कैटेलोनिया गठबंधन में शामिल वामपंथी ईआरसी और पूंजीवादविरोधी सीयूपी ने 135 में से 70 सीटें जीत ली. हालांकि उन्हें मिले वोट का आंकड़ा सिर्फ 47.5 फीसदी ही है. इन पार्टियों को क्षेत्रीय सरकार बनाने के लिए आपस में हाथ मिलाना होगा.
मार्केटिंग की नौकरी करने वाले 50 साल के फ्रांसेस्क पोर्टेला ने कहा, "यह नतीजा स्पेन को संदेश है कि आओ बैठकर बात करो और यूरोप के लिए संदेश है कि आंखें खोलो और प्रतिक्रिया दो."
फिलहाल पुजदेमोन कैटेलोनिया में नहीं हैं. बीते 27 अक्टूबर को कैटेलोनिया की संसद के एकतरफा स्वतंत्रता का एलान करने के बाद वो गिरफ्तारी से बचने के लिए बेल्जियम चले गए. इसके बाद स्पेन ने अर्धस्वायत्त क्षेत्र को सीधे अपने शासन के अधीन कर लिया, सरकार बर्खास्त कर दी और चुनाव का एलान कर दिया.
स्वाधीनता समर्थक लोगों के जहन में 1 अक्टूबर की याद भी ताजा है जब जनमत संग्रह के दौरान पुलिस ने वोटरों पर बलप्रयोग किया था. पोर्टेला ने कहा, "स्पेन की सरकार ने आजादी की क्रांति को ध्वस्त करने के लिए धरती आकाश एक कर दिया है लेकिन कैटेलोनिया के लोग लाठी वाले स्पेन के सामने ज्यादा मजबूत और शांतिपूर्ण हैं." उनसे कुछ ही दूर पर खड़े 19 साल के ओरिओल सांचेज ज्यादा जोर से "आजादी" का नारा लगाते हैं. उनके पिता जोर्डी सांचेज देशद्रोह के आरोप में जेल में बंद हैं. वे नागरिक संगठन एनएसी के नेता हैं जो अलगाव के समर्थन में लोगों को एकजुट कर रहा है. सांचेज ने कहा, "वह अपने आदर्शों के लिए जेल में हैं. मुझे उन पर और इस देश पर बहुत गर्व है." सांचेज के लिए देश कैटेलोनिया है.
पुजदेमोन ने वीडियोलिंक के जरिए अपने समर्थकों को संबोधित किया. उन्होंने कहा, "कातलान रिपब्लिक 155 लोगों के राजतंत्र से जीत गई है." पुजदेमोन का इशारा संविधान की धारा 155 की ओर था जिसके तहत स्पेन के प्रधानमंत्री मारियानो राखोय ने इस राज्य का शासन केंद्र सरकार के हाथों में ले लिया है.
राखोय के एक सहयोगी ने पिछले हफ्ते दावा किया था कि पुजदेमोन को बेल्जियम और उनके डिप्टी ओरियोल युंकुरास को जेल में डाल कर सत्ताधारी पॉपुलर पार्टी ने स्वाधीनता आंदोलन का "सिर काट" दिया है. हालांकि कैटेलोनिया के चुनाव में पॉपुलर पार्टी की पराजय हुई है और उसे सिर्फ 4.2 फीसदी वोट ही मिले.
बहुत से कातलान लोगों का कहना है कि वे आजादी पर आमादा नहीं हैं लेकिन उन्होंने अलगाववादियों को वोट राखोय की रुढ़िवादी सरकार का विरोध करने के लिए दिया जो 2011 से ही सत्ता में है. अब अलगाववादी चाहे जो करें लेकिन उन्हें भी उन कैटेलोनियाई लोगों की सुननी पड़ेगी जो उनके आजादी के सपने के साथ नहीं हैं.
वास्तव में सबसे ज्यादा सीटें और वोट जीतने वाली पार्टी है मध्यमार्गी चियुडाडानोज जो आजादी के खिलाफ है. हालांकि यह तीन अलगाववादी पार्टियों के गठबंधन से बहुत पीछे है. कैटेलोनिया के भविष्य पर लगा प्रश्नचिन्ह चुनाव के नतीजों के बाद भी जारी रहेगा. स्पेन से उसके अलग होने और नहीं होने के मुद्दे पर पड़ी दरार और गहरी हो गयी है.
काफी सीटें जीतने और बहुमत हासिल करने के बावजूद अलगाववादियों के गठबंधन को इतनी सीटें नहीं मिली हैं जितनी दो साल पहले के चुनाव में मिली थी. अलगाववादी संसद में बहुमत में तो हैं लेकिन उनकी बढ़त पहले से थोड़ी कमजोर है. उन्हें सरकार बनाने के लिए बातचीत करनी होगी और उनके बीच पुराने मतभेद को देखते हुए यह काम काफी मुश्किल होगा.
एनआर/एमजे (रॉयटर्स,एएफपी, एपी)