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बंद हुई नकली धड़कन

५ मार्च २०१४

पिछले दिनों फ्रांस के एक व्यक्ति को कृत्रिम हृदय के प्रत्यारोपण द्वारा नया जीवन दिया गया, प्रत्यारोपण के करीब ढाई महीने बाद व्यक्ति की मृत्यु हो गई.

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तस्वीर: Getty Images

यह दिल फ्रांस की बायोमेडिकल कंपनी कारमेट ने बनाया था. डॉक्टर मौत का कारण जानने के लिए जांच के परिणामों के इंतजार में हैं और भविष्य में और सफलता की उम्मीद कर रहे हैं.

76 साल का यह व्यक्ति कृत्रिम हृदय की मदद से बहुत लंबा जीवन तो नहीं जी पाया लेकिन प्रत्यारोपण का इंतजार कर रहे कई मरीजों के लिए उम्मीद बंधी है. फ्रांसीसी अस्पताल जॉर्जेस पॉम्पिदॉ ने इस व्यक्ति की मृत्यु की पुष्टि की है. कृत्रिम हृदय का प्रत्यारोपण गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीजों में पहले से संभव है लेकिन इसे अब तक अस्थायी रूप से ही इस्तेमाल किया जा सका है. कुछ समय बाद प्रत्यारोपण के लिए दूसरा हृदय मिल जाने पर इसे निकालना पड़ता है. कारमेट द्वारा तैयार किए गए इस कृत्रिम हृदय की मदद से उन मरीजों की मदद की उम्मीद की जा रही है जिन्हें लंबे समय तक प्रत्यारोपण का इंतजार करना पड़ता है.

अस्पताल का कहना है कि मृत्यु का सही कारण जानने के लिए मेडिकल जांच और तकनीकी आंकड़ों का इंतजार करना होगा. ऑपरेशन से पहले मरीज को सभी संभावनाओं के बारे में अवगत कराया गया था. शुरुआत में बेहतर नतीजे भी सामने आए. सर्जरी के काफी दिन बाद तक वह स्वस्थ दिख रहे थे. अस्पताल का कहना है कि उन्होंने पूरे विश्वास, हिम्मत और इच्छा शक्ति के साथ बढ़ती बीमारी से लड़ाई की.

मरीज के सीने में लगाए जाने वाले इस कृत्रिम हृदय में बायोमटेरियल के अलावा संवेदकों की एक श्रृंखला का इस्तेमाल किया गया है, जो हृदय की सिकुड़न और फैलने जैसी गतिविधियों की नकल कर सकते हैं. इस हृदय का भार 900 ग्राम बताया गया है जो कि असली हृदय से तीन गुना भारी है.

इस फ्रांसीसी मरीज में कृत्रिम हृदय का प्रत्यारोपण 18 दिसंबर को किया गया था. यह अपनी तरह की दुनिया में पहली सर्जरी थी. फ्रांस की सरकार ने इसकी इजाजत पिछले सितंबर में दी थी. अस्पताल ने जारी किए बयान में बताया कि सर्जरी को अंजाम देने वाले डॉक्टरों की टीम मरीज की सेहत पर लगातार नजर बनाए हुए थी.

जांच के परिणाम सामने आने के बाद ही कहा जा सकता है कि इस तरह के प्रत्यारोपण के लिए आगे किस तरह की संभावनाएं हैं. हालांकि डॉक्टरों की टीम को भविष्य में काफी उम्मीद है. प्रत्यारोपण के सफल ट्रायल होने पर कंपनी 2015 की शुरुआत में इसे बाजार में उतारने की उम्मीद कर रही थी. लेकिन अब इसमें और समय लग सकता है. कारमेट के अनुसार यूरोप और अमेरिका में करीब एक लाख लोगों को हृदय प्रत्यारोपण की जरूरत है.

एसएफ/एएम (एएफपी)