कपड़े बताएंगे बीमारी और इलाज
६ मार्च २०१४जवाब है, हां. जर्मनी की राजधानी बर्लिन में ऐसे कपड़ों पर काम किया जा रहा है. तांबे के धागे से सिले जाने वाले इन कपड़ों में खास चिप लगे होते हैं, जो मरीजों के लिए काफी कारगर साबित हो सकते हैं. गेशे यूस्ट अपनी टीम के साथ ऐसे कपड़े तैयार कर रही हैं. उन्होंने एक ऐसे कार्डिगन को दिखाया, जिसमें स्ट्रोक के मरीजों के लिए चिप लगा है. खतरे की घड़ी में हाथों को खास तरह से घुमाने पर संकेत मिल जाएगा. उन्होंने बताया, "इसमें एक बारीक माइक्रो कंट्रोलर है, जो एक मिनी कंप्यूटर जैसा काम करता है. कपड़ा धोते वक्त सेंसर को हटाया जा सकता है. अगर इसे पहनने वाला मुश्किल में है, तो वह खास तरीके से अपना हाथ मोड़े. ऐसा करते ही कपड़े से संकेत ब्लूटूथ की मदद से स्मार्टफोन में चला जाएगा."
इन उपकरणों के ज्यादा इस्तेमाल पर रिसर्च चल रही है. यूस्ट जूतों में ऐसे सेंसर वाले चिप लगाना चाहती हैं, जो मोबाइल के ऐप से जुड़ा हो और बताता रहे कि जूता पहनने वाला कितना तेज दौड़ रहा है, वह अपने साथियों के मुकाबले बेहतर है या नहीं.
इस पूरी रिसर्च की बुनियाद है, "इंसान और मशीन का मिलन". यूस्ट का कहना है कि वह जमाना चला गया, जब डिजिटल और एनालॉग की दुनिया अलग होती थी. अब ये दोनों मिल चुके हैं.
लेकिन ऐसे कपड़ों की सबसे बड़ी मुश्किल आंकड़ों और निजता की सुरक्षा है. क्या ऐसा नहीं कि निजी आंकड़े बहुत से लोगों तक पहुंच जाएंगे और वे उसका गलत इस्तेमाल करने लगेंगे. अमेरिकी सुरक्षा एजेंसी एनएसए ने हाल के दिनों में जिस तरह आंकड़े जुटाने का काम किया है, उससे पूरी दुनिया चिंता में है. ऊपर से गूगल ग्लास जैसे उपकरण भी आ गए हैं, जो बिना किसी को कुछ बताए, तस्वीर ले सकते हैं या फिर आंकड़े जमा कर सकते हैं.
यूस्ट भी इसे एक बड़ी चिंता मानती हैं. लेकिन उनका कहना है कि आने वाली पीढ़ी को इस पर ध्यान देना होगा कि वह तकनीक के विकास में निजता का सम्मान करे, तभी सार्थक विकास हो सकता है.
एजेए/एएम