1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

कठघरे में मिस्र के मुबारक

३ अगस्त २०११

काहिरा के पास पुलिस अकादमी की एक खास अदालत का नाम हुस्नी मुबारक के नाम पर रखा गया था. इत्तेफाक देखिए, आज वहां खुद पूर्व राष्ट्रपति मुबारक को मुलजिम की तरह पेश किया गया. मुजरिम करार दिए गए, तो मौत की सजा भी मिल सकती है.

https://p.dw.com/p/129dE
तस्वीर: picture alliance/dpa

83 साल के मुबारक के साथ उनके बेटे जमाल और अला मुबारक, छह वरिष्ठ पुलिस अधिकारी और हुस्नी मुबारक के खासमखास हुसैन सालेम अदालत में पेश किए गए हैं. इस मुकदमे ने अरब जगत की सांस फुला दी है क्योंकि कई दूसरे मुल्कों में भी क्रांतियां हो रही हैं और यह संदेश साफ जा सकता है कि अगर मिस्र में 30 साल तक सत्ता चलाने वाले के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है तो दूसरे देशों में भी संभव है.

मिस्र के राजनीतिक जानकार मुस्तफा अल सैयद का कहना है, "यह मुबारक जैसा कदम उठाने वाले सभी अरब राष्ट्रों के लिए संदेश है कि अगर प्रदर्शन कामयाब रहे तो उनका भी यही हश्र हो सकता है." बताया जाता है कि मिस्र की सेना से करीबी रिश्ते रखने वाले सऊदी अरब सहित खाड़ी के कई देशों ने अपील की है कि वह मुबारक को छोड़ दे. हालांकि सऊदी राजदूत इससे इनकार करते हैं.

Flash-Galerie arabischer Frühling Ägypten Jemen
तस्वीर: ap

अरब देशों को सबक

अरब जगत में किसी राष्ट्राध्यक्ष के खिलाफ मुकदमे की यह पहली घटना नहीं. इससे पहले ट्यूनीशिया के राष्ट्रपति जिने अल आबदीन बेन अली के खिलाफ भी केस चला और उन्हें दोषी करार दिया गया. लेकिन वह पहले ही देश छोड़ कर भाग चुके हैं. दूसरी तरफ मुबारक ने मिस्र में ही आखिरी सांस लेने की कसम खाई है. मुबारक के वक्त प्रतिबंधित राजनीतिक पार्टी मुस्लिम ब्रदरहुड के सदस्य एसाम अल एरियान का कहना है, "मुबारक का मामला राष्ट्रपति पद के सभी संभावित उम्मीदवारों के लिए सबक है कि अगर वे लोगों की स्वतंत्रता छीनने की कोशिश करेंगे या तानाशाह बनेंगे तो उनका क्या अंजाम होगा."

11 फरवरी, 2011 को सत्ता छोड़ने के बाद से मुबारक शर्म अल शेख की आलीशान कोठी में रह रहे थे. अप्रैल में पुलिस की पूछताछ के बाद उन्हें दिल की बीमारी हो गई और उन्हें वहीं एक सुविधा संपन्न अस्पताल में दाखिल कराया गया. मुबारक आम तौर पर बेहद सेहतमंद शख्स माने जाते हैं. सैनिक पृष्ठभूमि के मुबारक हाल के दिनों तक रोजाना सुबह घंटों जिम में बिताया करते और खाने पीने का रूटीन बहुत कायदे से लागू रखते थे. उन्हें करीब से जानने वालों का कहना है कि मुबारक ने कभी शराब या सिगरेट को हाथ तक नहीं लगाया.

Flash-Galerie Ägypten Kairo Parlamentsauflösung
तस्वीर: AP

जर्मनी में इलाज

हालांकि गॉल ब्लाडर की परेशानी की वजह से उनका दो बार जर्मनी में ऑपरेशन किया गया और हाल में उन्हें कैंसर होने की भी पुष्टि हुई है. उनके वकील ने सेहत का हवाला देते हुए कहा था कि मुबारक शायद निजी तौर पर मौजूद न हो पाएं लेकिन अब पता लगा है कि मुबारक अदालत में हाजिर होंगे.

पहले मध्य काहिरा के एक प्रदर्शनी हॉल में अदालत लगाने का फैसला हुआ था, लेकिन बाद में इसे शहर के बाहर पुलिस अकादमी में स्थानांतरित कर दिया गया. उसके दो दिन बाद 25 जनवरी से उनके खिलाफ प्रदर्शन शुरू हो गए, जो दो हफ्तों तक चले. इसमें 850 लोग मारे गए और 6000 से ज्यादा घायल हो गए.

Revolution in Ägypten Flash-Galerie
तस्वीर: dapd

कौन हैं आरोपी

मिस्र के पूर्व राष्ट्रपति हुस्नी मुबारक के अलावा उनके बेटे जमाल मुबारक और अला मुबारक आरोपी हैं. दोनों बेटे काहिरा की जेल में हैं. कई लोगों का मानना था कि मुबारक अपने 47 साल के बेटे जमाल को अगले राष्ट्रपति के तौर पर तैयार कर रहे थे. अला मुबारक कारोबारी हैं.

प्रमुख उद्योगपति हुसैन सालेम को स्पेन में गिरफ्तार किया गया, जो देश छोड़ कर भाग गए थे. वह मुबारक के पूर्व खुफिया प्रमुख और बेहद खास हैं. बीमार होने पर उन्हें स्पेन की एक अस्पताल में भर्ती कराया गया. उन्हें अंतरराष्ट्रीय गिरफ्तारी वारंट पर पकड़ा गया. पूर्व गृह मंत्री हबीब अल अदली पर भी मुकदमा चलेगा. वह मुबारक कैबिनेट में शामिल ऐसे मंत्री थे, जिनसे आम तौर पर मिस्र की जनता नफरत करती थी. वह मुबारक के खिलाफ किसी भी प्रदर्शन को बर्बरता से कुचलते थे. उनके छह खास पुलिस अधिकारियों को भी अदालत में पेश होना है.

क्या हैं आरोप

सरकारी वकील का आरोप है कि मुबारक ने अदली के साथ मिल कर लोगों की हत्या की साजिश रची. देश में शांतिपूर्ण प्रदर्शन होने के बावजूद लोगों पर बलप्रयोग किया गया, जिसमें कम से कम 850 लोग मारे गए. आरोप है कि मुबारक ने अपने सैनिकों को रबर की गोलियों की जगह असली गोलियों के इस्तेमाल की भी इजाजत दे दी थी.

Tahrir-Platz in Kairo Ägypten nach Rücktritt Mubaraks Flash-Galerie
तस्वीर: DW

मुबारक पर अपने पद का गलत इस्तेमाल करते हुए भारी जायदाद जमा करने और अपने बेटों को फायदा पहुंचाने का भी आरोप है. उन पर एक महल और शर्म अल शेख में चार आलीशान कोठियां रखने के इल्जाम हैं. उन पर अपने सहयोगियों को भी नाजायज फायदा पहुंचाने के आरोप हैं.

मौत की सजा

कभी मिस्र के हीरो रहे हुस्नी मुबारक को किसी अपराधी की तरह अदालत में आना होगा. अगर उन पर लगे सारे आरोप साबित हो जाते हैं, तो उन्हें मौत की भी सजा मिल सकती है. कुछ प्रदर्शनकारी ऐसा चाहते भी हैं. हालांकि जानकारों का कहना है कि ऐसा होना आसान नहीं है. मिस्र के लोग तो उन्हें बस कठघरे में खड़ा देखना चाहते हैं. स्वेज शहर के 41 साल के सफा मोहम्मद कहते हैं, "सेना पुराने शासनकाल से मिली हुई है. वे लोगों के लिए कुछ नहीं कर रहे हैं. उन्होंने मुबारक के साथ काम किया है. वे उन्हें नुकसान नहीं पहुंचाएंगे. मैं कसम खाकर कह सकता हूं."

रिपोर्टः रॉयटर्स/ए जमाल

संपादनः ए कुमार

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी