भारतीय बैंक में करीब 2 अरब डॉलर का फर्जीवाड़ा
१४ फ़रवरी २०१८पंजाब नेशनल बैंक यानी पीएनबी में दस दिन से भी कम के समय में धोखाधड़ी का दूसरा मामला पकड़ में आया है. खुद पीएनबी ने धोखाधड़ी वाले लेनदेन का पता लगाया है. ये पूरा लेनदेन 1.77 अरब डॉलर या लगभग 11 हज़ार करोड़ रुपये का है. इस मामले की पूरी जानकारी विधि प्रवर्तन एजेंसियों को भेज दी गयी है.
क्या है ये मामला
सार्वजनिक क्षेत्र की दूसरी सबसे बड़ी बैंक पीएनबी ने अपने मुंबई ब्रांच में करीब 1.77 अरब डॉलर का फर्जीवाड़ा पकड़ा है. बैंक ने अपने बयान में कहा है कि धोखाधड़ी के लिए अनधिकृत रूप से किए गए कुछ लेनदेन चुनिंदा खाताधारकों को फायदा पहुंचाने के लिए हुए थे. इन लेनदेन के आधार पर अन्य बैंकों ने संभवत: कुछ ग्राहकों को विदेशों में ऋण दिया है. घोटाले के बारे में बैंक ने ज्यादा विवरण नहीं दिया है और ना ही इस घोटाले में शामिल किसी व्यक्ति या संस्था के नाम का खुलासा ही किया है. बैंक ने उन बैंकों का भी नाम नहीं लिया है, जिन पर इस अनधिकृत लेनदेन की वजह से असर पड़ सकता है. बैंक का कहना है कि उसने इसके बारे में जांच एजेंसियों को जानकारी दे दी है. वसूली के लिए यह मामला विधि प्रवर्तन एजेंसियों को भेज दिया गया है.
स्वच्छ और पारदर्शी बैंकिंग को लेकर अपनी प्रतिबद्धता जताते हुए बैंक ने कहा है कि वह इस बात का आकलन करेगा कि क्या इस लेनदेन से उसकी कोई देनदारी तो नहीं बनती है. इसी महीने की शुरुआत में बैंक में एक और फर्जीवाडा का मामला सामना आया था. इस मामले में सीबीआई ने अरबपति ज्वैलरी डिजाइनर नीरव मोदी, उनकी पत्नी, भाई और एक व्यापारिक भागीदार के खिलाफ वर्ष 2017 में पीएनबी के साथ लगभग 280 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया था. इस मामले में बैंक ने अपने दस कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है.
शेयर बाजार में गिरावट
इस फर्जीवाड़े का मामला उजागर होते ही पीएनबी का शेयर 8 फीसदी तक टूट गया गया जिससे निवेशकों के 3000 करोड़ से अधिक रुपये डूब गए. शेयर बाज़ार से जुड़े अमित जैन कहते हैं कि पीएनबी के शेयर्स में आगे और गिरावट की आशंका है. वे कहते हैं कि उन निवेशकों को नुकसान उठाना पड़ सकता है जिन्होंने पीएनबी के शेयर में सीधे रूप से निवेश किया हुआ है. एक के बाद एक दो फर्जीवाड़े की खबर सार्वजानिक होने से बैंकों की साख पर असर पड़ सकता है. वैसे, इसका असर बैंकिंग सेक्टर के शेयर्स में पड़ने की आशंका है. इस फर्जीवाड़े का पीएनबी के वित्तीय स्थिति पर नकारात्मक असर पड़ने की आशंका है. वैसे, बैंक ने इस बारे में कुछ नहीं कहा है और न ही ऐसे कर्जदाता का नाम लिया है जिन्हें इससे चोट पहुंच सकती है.
फर्जीवाड़े की यह राशि बैंक के 2017 की शुद्ध आय जो 13.2 अरब रुपये थी, का छह गुना है. वित्तीय संकट से जूझ रहे भारत के अन्य सार्वजानिक बैंकों की हालत पर भी सवाल उठने लगे हैं. फर्जीवाड़े की खबर सामने आते ही वित्त मंत्रालय बाज़ार में उथल पुथल रोकने की कवायद में जुट गया. मंत्रालय ने नकारात्मक असर की आशंकाओं को खारिज कर दिया है. वित्तीय सेवा विभाग में संयुक्त सचिव लोक रंजन का कहना है कि स्थिति नियंत्रण से बाहर नहीं और इस समय कोई बड़ी चिंता की बात नहीं है. वित्त मंत्रालय ने देश के अन्य बैंकों से स्टेटस रिपोर्ट देने को कहा है. इस तरह की धोखाधड़ी से चिंतित वित्त मंत्रालय ने सभी बैंकों को इस मामले से जुड़ी या इस प्रकार की घटनाओं के संबंध में इस सप्ताह के अंत तक रिपोर्ट देने को कहा है.