1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

ऑस्ट्रेलियाई दूल्हा, केरल की दुल्हन

२१ सितम्बर २०१०

सरहदों और संस्कृतियों की दीवार पार करके ऑस्ट्रेलियाई युवक टिमोथी अल्फ्रेड ने अपनी स्कूली दोस्त स्मिता एलिजाबेथ से शादी कर ली. शादी त्रिशूर के मार्था मरियम चर्च में हुई और पूरी तरह से देसी अंदाज में.

https://p.dw.com/p/PHpR
तस्वीर: UNI

ऑस्ट्रेलिया से आए तीस लोगों की बारात जब शादी के लिए चर्ज के दरवाजे पर पहुंची तो सजे हुए हाथियों ने सूंड उठाकर और पंचवाद्यम की पारंपरिक धुनों ने उनका स्वागत किया. केरल के खास पकवानों से उड़ती खुशबू बरातियों का ध्यान बार बार अपनी तरफ खींच रही थी पर मजबूरी यह कि बगैर शादी हुए खाना कैसे खाया जाए. खैर चर्च में फादर ने शादी की रस्में पूरी कराईं और फिर मेहमानों को केरल के लज्जतादर पकवानों पर हाथ साफ करने का मौका मिला.

Elefanten Festival in Indien
सजे हाथियों ने किया बरात का स्वागततस्वीर: AP

दो अलग देशों के इन दूल्हा और दुल्हन के बीच प्यार की नींव उस वक्त पड़ी जब मेलबर्न में 1990 से ही काम कर रहे सोमन चकोला अपने साथ परिवार को भी वहां ले गए. बेटी स्मिता की स्कूल मे टिमोथी से मुलाकात हुई और फिर प्यार का सिलसिला चल निकला. फिलहाल दोनों मेलबर्न की अलग अलग कंपनियों में काम करते हैं.

यूं तो टिमोथी कैथलिक हैं लेकिन शादी करने के लिए चैल्डिन सीरियन चर्च को स्वीकार किया. यह केरल का सबसे पुराना ईसाई समुदाय है जो पूर्वी ईसाई मान्यताओं के हिसाब से चलता है. टिमोथी के मां बाप को भी इस शादी से कोई एतराज नहीं है. दोनों ने इन्हें अपना आशीर्वाद दिया और काफी खुश थे. शादी की रस्में तो केरल में पूरी हुईं लेकिन शादी को ऑस्ट्रेलिया में भी रजिस्टर कराना होगा क्योंकि दूल्हा दुल्हन, दोनों अब ऑस्ट्रेलिया के नागरिक हैं. ऑस्ट्रेलिया में धार्मिक रीती से शादियां बहुत कम ही होती हैं.

रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन

संपादनः ए कुमार

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी