ऑस्ट्रेलिया में अडानी का लाइसेंस रद्द
५ अगस्त २०१५अडानी की कंपनी को पिछले साल ऑस्ट्रेलिया की सरकार ने कारमाइकल खदान के खनन की स्वीकृति दी थी. 16.5 अरब डॉलर के इस प्रोजेक्ट को दुनिया भर में कोयले के सबसे बड़े खदानों में से एक बताया गया था. खदान का काम कानूनी तौर पर तब तक रुका रहेगा जब तक कंपनी को फिर से लाइसेंस न दिया जाए.
पर्यावरण की रक्षा के लिए काम करने वालों ने इस प्रोजेक्ट के खिलाफ आवाज उठाई. पर्यावरण के लिए काम करने वाला मैकेय कंजरवेशन ग्रुप मामले को उच्च अदालत में ले गया. सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड अखबार के मुताबिक समूह का कहना है कि इस प्रोजेक्ट से इलाके में विलुप्त हो रही याका स्किंक और ऑरनामेंटल सांप की प्रजातियों को खतरा है. अदालत ने अपने फैसले में कहा कि लाइसेंस देते वक्त पर्यावरण मंत्री ग्रेग हंट ने विलुप्त हो रहे जानवरों के मामले को ध्यान में नहीं रखा था.
मैकेय समूह के वकील सू हिगिंसन के मुताबिक, "इसके आगे मंत्री अपना फैसला दोबारा ले सकते हैं, और दोबारा फैसला लेने की प्रक्रिया में वे कानूनी तरीकों को अपनाते हुए कंपनी को दोबारा लाइसेंस दे सकते हैं या मना कर सकते हैं. मंत्री के पास इस बात का कानूनी अधिकार है." साथ ही वे मानते हैं कि दोबारा लाइसेंस देना आसान नहीं होगा क्योंकि अब कारमाइकल खदान से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी उपलब्ध है.
अडानी की कंपनी के लिए यह अहम प्रोजेक्ट था. कंपनी पूर्वी ऑस्ट्रेलिया के क्वींसलैंड मैं गैलिली बेसिन में कारमाइकल खदान से संबंधित ढांचा तैयार करना चाहती है. कंपनी कोयले के निर्यात के लिए एक बंदरगाह भी बनाने जा रही थी. कंपनी की योजना थी कि इस खान से वह सालाना छह करोड़ टन कोयला भारत भेजे. एक बयान में कंपनी ने कहा कि यह पर्यावरण विभाग की तकनीकी गलतियों का नतीजा है.