ऐसी जगहों पर घर बसाएंगे आप?
चार दीवारों से घिरे घर से आगे भी लोगों ने अपने ठिकाने ऐसी अनोखी जगहों पर बसाए हैं जो सुनने में रहने लायक जगह तो नहीं लगते. देखिए ऐसी असामान्य लोकेशंस पर क्यों और कैसे बसे लोग.
सीमेंट फैक्ट्री
"ला फाब्रिका" - स्पैनिश आर्किटेक्ट रिकार्डो बोफिल ने अपने इस विला को यही नाम दिया है. यह इमारत पहले एक सीमेंट फैक्ट्री हुआ करती थी, जो बाद में बेकार उपेक्षित सी पड़ी थी. पिछले 30 सालों से भी ज्यादा समय से बोफिल अपनी पत्नी और बेटे के साथ अपने बनाए इस विला में रहते हैं. 5,000 वर्ग फीट से भी अधिक क्षेत्र में फैले इस विला में कई दफ्तर, एक लाइब्रेरी, एक शोरूम और कई सारे लिविंग रूम हैं.
बंकर
दूसरे विश्व युद्ध के दौरान तमाम जर्मन शहरों में बंकर बनाए गए थे. लेकिन हवाई हमलों से बचने के लिए जर्मन शहर हैम्बर्ग में सबसे ज्यादा बंकर थे. युद्ध खत्म होने तक वहां करीब 1,000 ऐसे बंकर थे, जिनका कोई काम नहीं रहा लेकिन जिन्हें तोड़ा जाना भी कोई आसान काम नहीं था. तभी कुछ आर्किटेक्ट्स ने इन बंकरों की एक मीटर तक चौड़ी दीवारों को रहने लायक घरों में बदलने का मुश्किल काम किया.
सिस्टर्न
जी हां, वही सिस्टर्न जहां पानी जमा किया जाता था. स्पेन के तटीय इलाके में स्थित कैनेरी द्वीप में बना यह सिस्टर्न एक समय खूब काम आता था. बाद में जब द्वीप पर स्थित गांव के घर घर में हर समय पानी आने लगा तो यहां पानी इकट्ठा करके रखने की जरूरत नहीं रही. तबसे बेकार पड़े इस सिस्टर्न को अभी कुछ ही साल पहले एक स्थानीय दंपति ओडा और यायो फोंटेस डि लियोन ने एक आरामदायक अपार्टमेंट की शक्ल दे दी.
एयरप्लेन हैंगर
ईंटें केवल सामने ही लगी हैं. जर्मन शहर उत्से में स्थित एक एयरप्लेन हैंगर को बदल कर अंदर एक आरामदायक 140 वर्ग मीटर का घर बसा दिया गया है. हां, बारिश होने पर इसकी धातु की प्लेटों की बनी छत पर शोर तो बहुत होता है, लेकिन बाकी समय शांति रहती है. 1990 के दशक में जब ब्रिटिश सेना इस इलाके को छोड़ कर गई तब यहां के तमाम हैंगरों को ऐसे ही दूसरे कामों में लाया गया.
चर्च
जब चर्च के पास खर्च के लिए धन ना हो तो वह क्या करे, इमारत किराये पर दे दे. लंदन में ऐसा करना खासा फायदेमंद होता है क्योंकि लंदन में प्रॉपर्टी के दाम काफी ऊंचे हैं. बहुत पॉश माने जाने वाले नॉटिंग हिल के पास स्थित इस वेस्टबॉर्न ग्रोव चर्च की दूसरी मंजिल एक लक्जरी अपार्टमेंट के रूप में बदली जा चुकी है. इससे होने वाली कमाई चर्च के काम आती है.