एसपीडी नेता शुल्त्स देंगे मैर्केल को चुनाव में चुनौती
२० मार्च २०१७61 साल के मार्टिन शुल्त्स को बर्लिन में सोशल डेमोक्रैटिक पार्टी (एसपीडी) की विशेष कांग्रेस में प्रतिनिधियों का 100 फीसदी समर्थन मिला. जब से यूरोपीय संसद के पूर्व अध्यक्ष शुल्त्स को पार्टी की ओर से चांसलर पद का उम्मीदवार घोषित किया गया, तब से जनमत सर्वेक्षणों में पार्टी की लोकप्रियता 30 फीसदी के स्तर पर पहुंच गयी है. बीते कई सालों से एसपीडी मैर्केल की पार्टी सीडीयू से पीछे 20 से 25 फीसदी के स्तर पर रही है.
शुल्त्स ने बर्लिन कांग्रेस में मौजूद 600 से भी अधिक सदस्यों से कहा कि "न्याय, सम्मान और गरिमा" सोशल डेमोक्रैटिक पार्टी के चुनावी घोषणापत्र के प्रमुख बिन्दु रहेंगे. उन्होंने कहा कि एसपीडी का गवर्नेंस प्रोग्राम जून महीने के अंत में डॉर्टमुंड शहर में होने वाली कांग्रेस में पेश किया जाएगा.
शुल्त्स ने उत्साहित पार्टी प्रतिनिधियों से कहा कि जनवरी में राष्ट्रीय राजनीति में वापसी करने के बाद से उन्होंने जर्मनी भर में घूम कर लोगों से मुलाकात की, "उनकी बात सुनी और उनसे सीखा है." इसी के आधार पर उन्होंने सोचा है कि आने वाले सालों में पार्टी की क्या प्राथमिकताएं होनी चाहिए.
दूसरे यूरोपीय देशों की तरह जर्मनी भी पिछले महीनों में शरणार्थी संकट के दौरान पॉपुलिस्ट ताकतों के उदय का सामना कर रहा है. अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने भी चुनाव प्रचार के दौरान पॉपुलिस्ट नारों का सहारा लिया. अमेरिकी राष्ट्रपति के चुनाव अभियान पर टिप्पणी करते हुए शुल्त्स ने कहा, "लोगों के किसी समुदाय की निंदा करने की जर्मनी में कोई जगह नहीं होनी चाहिये."
अब तक पार्टी प्रमुख रहे जर्मनी के उप चांसलर जिग्मार गाब्रिएल ने आह्वान किया कि सितंबर के बाद देश में महा गठबंधन सरकार न रहे. इस समय मैर्केल की कंजर्वेटिव पार्टी सीडीयू और बवेरिया की उसकी सहोदर पार्टी सीएसयू बर्लिन में एक महा गठबंधन का हिस्सा हैं. एसपीडी इस गठबंधन में जूनियर पार्टनर है. 2013 के चुनावों के बाद महा गठबंधन में शामिल होने का फैसला लेने वाले गाब्रिएल ने कहा कि "लोग बदलाव चाहते हैं" और वे "महा गठबंधन को आगे भी जारी रहते नहीं देखना चाहते."
शुल्त्स को 2012 में यूरोपीय संसद का अध्यक्ष चुना गया था. इस साल जनवरी तक उन्होंने वह पद संभाला. जर्मनी की राष्ट्रीय राजनीति में शुल्त्स के प्रवेश से एसपीडी में नयी ऊर्जा भर गयी है. आने वाले चुनावों में मैर्केल चौथी बार चांसलर पद के लिए मैदान में होंगी. ऐसे में शुल्त्स के मैर्केल को कड़ी चुनौती देने वाले उम्मीदवार बन कर उभर रहे हैं.
आरपी/एमजे (डीपीए)