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एशिया प्रशांत में सबसे ज्यादा धन कुबेर

१९ सितम्बर २०१२

अब तक अमीरों की सूची में अमेरिकियों का ही दबदबा रहता आया है लेकिन पहली बार ऐसा हुआ है कि एशिया नंबर वन हो गया है. एशिया प्रशांत इलाके ने अमीरी के मामले में अमेरिकी को पीछे छोड़ दिया है.

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तस्वीर: Fotolia/andrey_plant

कापगेमिनी आरबीसी वेल्थ मैनेजमेंट की रिपोर्ट के मुताबिक एशिया प्रशांत इलाके में अमीरों की तादाद अमेरिकी अमीरों से ज्यादा हो गई है. यहां रईसों की संख्या 37,70,000 है जबकि अमेरिका में ये 33,50,000 है. हालांकि सबसे बड़े अमीर अभी भी अमेरिका में ही रहते हैं.

ये आंकड़ा सिर्फ अमीरों की संख्या में बढ़ोतरी बताता है. रिपोर्ट के मुताबिक चीन और जापान इस मामले में सबसे आगे हैं. इलाके के 54.1 प्रतिशत अमीर अकेले जापान में ही रहते हैं. अमीरी के मामले में यूरोप तीसरे नंबर पर है. यहां 31,70,000 अमीर रहते हैं.

सर्वे में 10 लाख डॉलर से ज्यादा की शुद्ध संपत्ति रखने वालों को अमीर माना गया. हालांकि उच्च शुद्ध संपत्ति की कोई निश्चित परिभाषा नहीं दी गई है.आरबीसी के प्रमुख बारेन्ड जानसेन्स कहते हैं, "एशिया प्रशांत इलाका अमीरों के हिसाब से पूरी दुनिया में नंबर एक हो गया है. पिछले साल यहां के अमीरों में 1.6 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई जबकि दुनिया के दूसरे हिस्से में ये महज 0.8 प्रतिशत ही था."

Symbolbild fallende 1 Dollar Banknoten
तस्वीर: ullstein bild - CARO/Hoffmann

अमीरों की संख्या के मामले में जापान के बाद चीन है. चीन में एशिया प्रशांत इलाके के 16.7 प्रतिशत अमीर हैं जबकि तीसरा स्थान ऑस्ट्रेलिया का है. यहां पर 5.3 प्रतिशत अमीर रहते हैं. तीनों देशों में मिलाकर इस इलाके के 76.1 प्रतिशत अमीर रहते हैं.

अमीरों की संख्या बढ़ने के बाद भी एशिया प्रशांत इलाके में निवेश करने वाली संपत्ति अमेरिका के मुकाबले कम है. रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिका में ये 11.4 लाख करोड़ डॉलर है जबकि एशिया प्रशांत इलाके में निवेश करने वाली संपत्ति 10.7 लाख करोड़ डॉलर है. जानकार मानते हैं कि यूरो जोन में आया आर्थिक संकट, संपत्ति की कीमतों में गिरावट और मुद्रास्फीति की वजह से अमीरों को फायदा पहुंचा है.

भारत में चीन की तरह अमीरों की तादाद तो ज्यादा नहीं हुई है लेकिन उसे अर्थव्यवस्था का पावरहाउस अभी भी माना जा रहा है. कहा गया है कि थोड़ी बहुत दिक्कतों के बाद भी आने वाले समय में भारत इस इलाके की तेजी से विकास करने वाली अर्थव्यवस्था बना रहेगा.

वीडी/एजेए (एएफपी,रॉयटर्स)