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एयर इंडिया विमान में फिर हंगामा

४ जनवरी २०१०

जेद्दाह से आने वाली एयर इंडिया की फ़्लाइट में उस समय नाटकीय हालात पैदा हो गए जब हज यात्रियों ने मुंबई पहुंचने पर विमान से उतरने से मना कर दिया और चालक दल को 15 घंटों तक जबरन रोके रखा.

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तस्वीर: AP

ये विमान नई दिल्ली एयरपोर्ट उतारा जाना था लेकिन घने कोहरे की वजह से विमान को मुंबई में उतारा गया. हज से लौटे यात्री इसका विरोध कर रहे थे. शनिवार शाम साढ़े पांच बजे एयर इंडिया की फ़्लाइट संख्या एवन 891ए मुंबई के लिए मोड़ दी गई थी. नौ बजे तक विमान दिल्ली के लिए उड़ान नहीं भर पाया फिर यात्रियों से कहा गया कि वे उतर जाएं और रात होटल में बिताएं.

लेकिन यात्रियों में से कुछ न उतरने पर अड़ गए और उन्होंने विमान के भीतर हंगामा खड़ा कर दिया.विमान से निकलने के रास्ते इन गुस्साए यात्रियों ने बंद कर दिए और सुरक्षाकर्मियों को भी विमान में आने से रोक दिया. विमान के साथ लगी बसों पर किसी यात्री को चढ़ने नहीं दिया गया.

ऑल इंडिया केबिन क्रू एसोसिएशन ने एक बयान जारी कर इस अभूतपूर्व हंगामे के बारे में जानकारी दी.

रविवार सुबह क़रीब पौने दस बजे तक उत्पाती यात्री अड़े रहे और किसी भी यात्री को उतरने नहीं दिया गया. यानी मामले को 15 घंटे बीत चुके थे. एयर इंडिया प्रबंधन से बातचीत के बाद ही चालक दल को निकलने दिया गया और फिर विमान ने दिन में एक बजे उड़ान भरी.

केबिन क्रू संघ ने नागरिक उड्डयन निदेशालय से चालक दल और कई यात्रियों को कुछ यात्रियों के गैर क़ानूनी रूप से बंधक बनाने के मामले की जांच कराने की मांग की है. इस बारे में एक शिकायत भी दर्ज कर दी गई है. संघ का कहना है कि ये विमान को क़ब्ज़े में करने का मामला है. और हवाई क़ानून का उल्लंघन है. संघ ने ये मांग भी की है कि सीआईएसएफ़ और पुलिस के जवानों को 15 घंटे के क़ब्ज़े के दौरान कार्रवाई क्यों नहीं करने दी गई.

एयर इंडिया में हाल के दिनों में ये दूसरा नाटकीय घटनाक्रम है. कुछ दिन पहले खाड़ी से एक एयरपोर्ट कर्मचारी चोरी छिपे विमान के टॉयलेट में सवार होकर भारत लौट गया था. उसका कहना था कि उसके साथ वहां बुरा सलूक हुआ था और वो वहां रहना नहीं चाहता था. उसका पासपोर्ट भी उस ठेकेदार कंपनी के पास जमा था जिसे ग्राउंड सुविधाओं के लिए एयर इंडिया ने काम दिया था.

रिपोर्ट: एजेंसियां/एस जोशी

संपादन: ओ सिंह