एफ़बीआई ने ठुकराई भारत की मांग
२८ दिसम्बर २००९कहने का तरीक़ा ज़रा विनम्रता भर रहा लेकिन एफ़बीआई ने साफ़ किया है कि संदिग्ध आंतकवादी हेडली को भारत को नहीं सौंपा जाएगा. अमेरिकी जांच एजेंसी का कहना है कि हेडली पर लगे आरोप अगर साबित होते हैं तो पहले उसे अमेरिका में सज़ा होगी. अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक़ यह सज़ा 200 से 300 साल की हो सकती है, ऐसे में उसे भारत को सौंपने की कोई संभावना नहीं दिखती.
मुंबई हमलों की साज़िश से जुड़े होने के आरोप में गिरफ़्तार हेडली से पूछताछ जारी है. उसके संबंध पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से बताए जाते हैं जो भारत के मुताबिक़ मुंबई हमलों के लिए ज़िम्मेदार है. पाकिस्तानी मूल के अमेरिकी नागरिक हेडली को 3 अक्तूबर को अमेरिकी शहर शिकागो से गिरफ़्तार किया. तभी से भारत के गृह सचिव जी के पिल्लई कई बार कह चुके हैं कि हेडली को भारत लाने के लिए कोशिश होगी. भारत में भी हेडली के मुंबई हमलों से जुड़े होने की जांच चल रही है. पिल्लई ने कहा कि जब जनवरी में यह जांच पूरी हो जाएगी तो हेडली के भारत प्रत्यर्पण की कोशिश की जाएगी. लेकिन अब एफ़बीआई ने ऐसी किसी भी कोशिश पर विराम लगा दिया है.
एफ़बीआई ने इसी महीने की सात तारीख़ को हेडली के ख़िलाफ़ मुंबई हमलों के सिलसिले में आरोप तय किए. समझा जाता है कि हेडली ने मुंबई की उन सभी जगहों का दौरा किया जिन्हें पिछले साल 26 नवंबर को हुए आतंकवादी हमलों के दौरान निशाना बनाया गया. साथ ही उस पर समंदरी रास्ते का वह नक्शा बनाकर देने का भी आरोप है जिसकी मदद से आतंकवादी मुंबई के तट पर पहुंचे.
इस बीच भारत में मुंबई हमलों की जांच कर रही आर डी प्रधान कमेटी ने शहर पर आंतकवादियों के हवाई हमले की आशंका जताई है. साथ ही महाराष्ट्र सरकार के सुरक्षा तंत्र को आड़े हाथ लिया गया है. रिपोर्ट कहती है कि किसी संभावित हमले से जुड़ी ख़ुफ़िया जानकारियों का बेहतर तरीक़े से इस्तेमाल करने के बारे में पूरी तरह भ्रम की स्थिति है.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः ओ सिंह