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एनएसजी में एंट्री को लेकर मिलेंगे मोदी-जिनपिंग

२३ जून २०१६

चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से शंघाई सहयोग संगठन की शिखर बैठक के दौरान भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत की एनएसजी में दावेदारी पर चर्चा करेंगे. अमेरिका समेत 20 देशों के अलावा फ्रांस ने किया भारत की सदस्यता का समर्थन.

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Staatsbesuch Indiens Premierminister Modi besucht China Xi Jinping
14 मई 2015 को चीन के दौरे पर पहुंचे भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग एक वार्ता से पहले परस्पर अभिवादन करते हुए.तस्वीर: Reuters/K. Kyung-Hoon

उज्बेकिस्तान के ताशकंद में शंघाई सहयोग संगठन की बैठक के दौरान ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग अलग से मुलाकात करेंगे. भारतीय विदेश मंत्रालय ने बताया है कि इस बैठक में न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप (एनएसजी) में भारत के प्रवेश के लिए चीन से समर्थन जुटाने की कोशिश होगी.

भारत 48 सदस्य देशों वाले इस समूह एनएसजी में प्रवेश कर सस्ती कीमत पर साफ परमाणु ऊर्जा हासिल करना चाहता है. भारत इसे अपने आर्थिक विकास के लिए जरूरी मानता है. एनएसजी में एंट्री के लिए अमेरिका समेत दुनिया के करीब 20 देशों का समर्थन पा चुके भारत के पक्ष में फ्रांस ने भी बयान दिया है. किसी नए सदस्य को प्रवेश दिए जाने का फैसला सर्वसम्मति से किया जाता है जिसमें चीन को फिलहाल सबसे बड़ी रुकावट माना जा रहा है.

चीन की समस्या यह है कि भारत ने परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं. दूसरे, वह भारत और पाकिस्तान दोनों को बराबरी का दावेदार मानता है. चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा है, "एनएसजी में भारत के प्रवेश के बारे में एक बात साफ करना जरूरी है, यह बातें ठीक नहीं हैं कि चीन भारत की सदस्यता को रोक रहा है." चुनयिंग ने बताया, "ब्लॉकिंग शब्द का इस्तेमाल करना सही नहीं है. एनएसजी के एजेंडा में हमने कभी किसी गैर-एनपीटी देश का मुद्दा नहीं देखा है. लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि हम उसको प्रवेश करने से रोक रहे हैं."

विदेश मंत्रालय के अनुसार मोदी और जिनपिंग 23-24 जून को होने वाली एससीओ की बैठक के दौरान मिलेंगे. क्षेत्रीय ऊर्जा और सुरक्षा मुद्दों पर चर्चा के लिए 2001 में गठित हुए एससीओ के छह सदस्य चीन, रूस, कजाकिस्तान, उज्बेकिस्तान, ताजिकिस्तान और किर्गिस्तान हैं. भारत भी इस समूह में शामिल होना चाहता है.

ठीक इसी दिन यानि 23 जून से ही दक्षिण कोरिया की राजधानी सोल में एनएसजी की दो दिनों तक चलने वाली महत्वपूर्ण बैठक होनी है. यहां भारत की दावेदारी पर चर्चा हो सकती है, अगर चीन भी इसका समर्थन करे. जानकारी मिली है कि बीते दो दिनों में सोल में हुई एनएसजी एक्सपर्ट स्तर की वार्ता में सदस्यता के मुद्दे पर चर्चा हुई. समग्र बातचीत से पहले भारत के विदेश सचिव एस जयशंकर सोल पहुंच चुके हैं.

आरपी/आईबी (पीटीआई,एएफपी)