एक महीने में दूसरे पत्रकार की हत्या
२१ सितम्बर २०१७शांतनु भौमिक की हत्या उस वक्त हुई, जब वह पश्चिमी त्रिपुरा में इंडिजीनस फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) और सीपीएम के ट्राइबल विंग टीआरयूजीपी के बीच संघर्ष को कवर कर रहे थे.
राज्य के पुलिस अधीक्षक अभिजीत सप्तर्षी ने कहा कि एक दर्जन से ज्यादा अधिकारी भी हिंसा में घायल हुए हैं और इस इलाके में तवान की स्थिति बनी हुई है. सप्तर्षी ने कहा, "रिपोर्टर की मौत के सिलसिले में अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है, लेकिन राजनीतिक हिंसा से संबंधित अलग-अलग आरोपों में चार लोगों को हिरासत में लिया गया है."
त्रिपुरा के मंडई में पत्रकार शांतनु भौमिक की हत्या के विरोध में त्रिपुरा के पत्रकारों ने मुख्यमंत्री माणिक सरकार के सरकारी आवास के सामने प्रदर्शन किया और सीबीआई जांच की मांग भी की.
यह एक महीने में दूसरा ऐसा मामला है जब किसी पत्रकार की हत्या कर दी गयी हो. हाल ही में बीजेपी की मुखर आलोचक और पत्रकार गौरी लंकेश की बैंगलौर में गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी.
टेलीग्राफ के मुताबिक, शांतनु दोनों पार्टियों के बीच चल रहे टकराव को कवर कर रहे थे तभी उन पर पीछे से हमला किया गया. इसके बाद उनको अगवा कर लिया गया. बाद में वह गंभीर रूप से घायल अवस्था में मिले. उन्हें अगरतला मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. अगरतला से करीब 29 किमी दूर मंडाई इलाके में यह घटना हुई.
इंडियन एक्सप्रेस ने अगरतला के एक पत्रकार के हवाले से लिखा है, ''पहले एक डंडे से उनके पैर पर हमला किया गया. जब वह सड़क पर गिर पड़े तो उनके सिर पर मारा गया. बाद में भीड़ उनके शरीर को घसीटते हुए स्टेडियम के पीछे ले गयी. यह बेहद भयावह था.''