एक पीढ़ी बाद मिस्र में बॉलीवुड
११ अक्टूबर २०१३सिनेमाघर के अंदर लोग शाहरुख खान के साथ झूम रहे हैं. जब किंग खान का घूंसा चल रहा है, तो वे भी हवा में मुक्का चला रहे हैं. उसकी हंसी पर अपनी हंसी मिला रहे हैं. भले ही फिल्म हिन्दी में चल रही हो, इससे बॉलीवुड को पसंद करने वालों पर कोई फर्क नहीं पड़ रहा है.
डीवीडी पर फिल्में बेचने वाले मुहम्मद हमीद काहिरा के गैलेक्सी मल्टीप्लेक्स से फिल्म देख कर खुशी खुशी निकले, "मैं शाहरुख खान से प्यार करता हूं. मुझे बहुत खुशी है कि मैं काहिरा में यह फिल्म देख पा रहा हूं." सिर्फ भारत ही नहीं, मिस्र में भी 'चेन्नई एक्सप्रेस' रिकॉर्ड तोड़ रही है. यहां के 10 सिनेमाघरों में यह दूसरे हफ्ते में प्रवेश कर गई है. आठ काहिरा में और दो सिकंदरिया (अलेक्जेंड्रिया) में. वितरकों का कहना है कि यह फिल्म उन कई फिल्मों की कड़ी का हिस्सा है, जिन्हें अरबी में डब करके दिखाया जाना है.
शाहरुख खान पिछले दो दशक में सबसे बड़े बॉलीवुड स्टार के रूप में उभरे हैं और इन दो दशकों में मिस्र का सिनेमाघर हिन्दी फिल्मों से दूर था. यानी उनकी फिल्म पहली बार दिखाई जा रही है. इस कामयाबी से वह भी खुश नजर आ रहे हैं. उन्होंने ट्वीट किया, "मिस्र में हर किसी का शुक्रिया. मुझे लग रहा है कि फिल्म पिरामिड की ऊंचाइयों तक पहुंचेगी."
डीवीडी बेचने वाले हमीद ने अपना नाम 'कबीर खान' रख लिया है, जो शाहरुख की फिल्म चक दे इंडिया के हीरो का नाम है. हमीद का कहना है, "शाहरुख तो सबसे अच्छे हैं. लेकिन हम अमिताभ बच्चन की फिल्में भी देखना चाहते हैं." बच्चन मिस्र में बेहद लोकप्रिय हैं क्योंकि 70 और 80 के दशक में उनकी फिल्में खूब चला करती थीं. फिल्म मर्द मिस्र के सिनेमाघरों में महीनों चली थी.
मिस्र के पूर्व राष्ट्रपति हुस्नी मुबारक ने 1987 में बॉलीवुड फिल्मों पर रोक लगा दी थी ताकि मिस्र की फिल्मों को बढ़ावा दिया जा सके. मिस्र में चेन्नई एक्सप्रेस का डिस्ट्रीब्यूशन कर रही यूनाइटेड मोशन पिक्चर्स के अनटोनी जाइंद का कहना है, "उस वक्त कोई मल्टीप्लेक्स नहीं था और मिस्र में भी काफी फिल्में बन रही थीं." जाइंद का कहना है कि राजनीतिक अस्थिरता के बाद भी वह दो और हिन्दी फिल्में लाने की तैयारी कर रहे हैं. ये दो फिल्में होंगी 'क्रिश 3' और 'धूम 3'.
एजेए/एनआर (एएफपी)