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एक दुल्हन के दो दूल्हे

३० सितम्बर २०१२

नेपाल की ताशी सांगमो ने जब शादी की तो सिर्फ परिवार के बड़े लड़के से नहीं बल्कि दूल्हे के छोटे भाई से भी पैकेज के तहत विवाह कर लिया. दुनिया के उस हिस्से में यह आम बात है, भले दुनिया इसे किसी नजर से देखे.

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तस्वीर: picture-alliance/dpa

पुराने समय में अपर डोल्पा इलाके में एक परिवार के सभी लड़के एक ही लड़की से बारी बारी शादी कर लेते थे. लेकिन समय बीतने के साथ यह परंपरा खत्म हो गई. लोग आधुनिक जीवन शैली की ओर बढ़ गए.

सांगमो ने कहा, "इससे काम आसान हो जाता है क्योंकि सब एक ही परिवार में रहता है. बहुत सारी पत्नियों में यह बंटता नहीं और एक ही व्यक्ति काम के लिए जिम्मेदार रहता है. दो भाई घर में पैसा कमा कर लाते हैं और मैं तय करती हूं कि इसका क्या करना है."

17 साल की सांगमो ने मिंगमार लामा से 14 साल पहले शादी की थी. उस समय लामा सिर्फ 14 साल के थे. तभी यह तय था कि पति के भाई पासांग, जो उस समय 11 साल के थे, वह भी बाद में सांगमो से ही शादी करेंगे. यह परंपरा हिमालय के कुछ ही गांवों में बची है. इनके तीन लड़के हैं.

"मैं विवाह में भाई को भी शामिल करना चाहता था क्योंकि हमारे लिए इससे जीवन आसान हो जाता." पासांग का गांव हिमालय के सिमन गांव में रहता है. यह समुद्र तल से 4000 मीटर की ऊंचाई पर है. पास के शहर में जाने के लिए यहां से पांच दिन पैदल चल कर जाना पड़ता है.

पारंपरिक तौर पर यहां लोगों का कारवां एक साथ चलता है. अपर डोल्पा के लोग अब भी वही व्यापार करते हैं. वह याक वाले कारवां के साथ जाते हैं और तिब्बत और नेपाल की तराई से चावल और नमक लाते हैं. इस इलाके में खेती लायक जमीन बहुत कम है इसलिए खेत भी छोटे छोटे हैं.

एक से ज्यादा पुरुषों से शादी करने की परंपरा इस गांव के हर परिवार में है. ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि परिवार का बंटवारा न हो. ये शादियां एकदम पुराने तरीके से तय की जाती हैं. परिवार एक वधु का चुनाव अपने सबसे बड़े बेटे के लिए करता है इसके बाद उसके छोटे भाइयों को उससे शादी करने का मौका दिया जाता है. कई मामलों में तो महिला पति के छोटे भाइयों का पालन पोषण के बाद, वयस्क होने के बाद उससे शारीरिक संबंध बनाती है.

जलन नहीं  

अधिकतर हिंदु परिवारों की तरह इन पुरुषों की सोच रूढ़िवादी नहीं होती. एक से ज्यादा पतियों वाले परिवार में पुरुष भी घरेलू कामकाज में मदद करते हैं, बच्चों के पालन पोषण में भी. महिलाएं पैसों का प्रबंधन करती हैं. इन परिवारों में इस पर ध्यान नहीं दिया जाता कि कौन किसका बच्चा है और बच्चे भी पापा और अंकल नहीं बोलते.

यह प्रथा कई पश्चिमी वर्जनाओं को तोड़ती है और इसलिए यह उन लोगों के आकर्षण का केंद्र भी होती है लेकिन यहां के स्थानीय लोग इसे सामान्य और फायदेमंद मानते हैं. 30 साल की शितार दोर्जे ने 37 साल के कर्मा से 10 साल पहले शादी की. कुछ समय बाद कर्मा के छोटे  भाई पेमा ने भी शितार से शादी की.

बुद्ध दर्शन की पढा़ई करने वाले पेमा कहते हैं, "ऐसा कभी भी नहीं होता कि सभी एक साथ घर में हों. हमारे मामले में कोई जलन नहीं है. मुझे इस बात का भी फर्क नहीं पड़ता कि जब बड़ा भाई घर में हो तो शितार उसके साथ रहती है. अगर मुझे जलन होगी तो मैं जाकर किसी और से शादी कर लूंगा."

अपर डोल्मा में जीवन आसान हो लेकिन हालात आसान नहीं हैं. सफाई व्यवस्था नहीं के बराबर है. स्वास्थ्य सेवा नहीं है. महिलाएं पहाड़ों पर पत्थर तोड़ती हैं या कटाई करती हैं. 

एक ही लड़की से शादी करना तभी फायदेमंद होता है जब भाइयों के बीच काम का बंटवारा अच्छे से हो. एक आजीविका के लिए पत्नी के साथ खेत में काम करे तो दूसरा व्यापार के लिए जाने वाले कारवां में. कई इसे जीवन सुरक्षा से जुड़ा भी मानती है. एक पति के मरने पर स्त्रियां अकेली नहीं रह जाएंगी.

थाजोम गुरुंग आज 60 साल की हैं और अलग थलग पड़े गांव साल्दांग में रहती हैं. तीस साल पहले उनके पति की कैंसर से मौत हो गई. वह पति के दो बड़े भाइयों से पहले ही शादी कर चुकी थीं. आज वह 67 साल के चोयोकाप के साथ रहती हैं. चोयोकाप बताते हैं, "जब हम एक साथ रहते थे तो पत्नी के साथ सोने के दिन बांट रखे थे. कोई भी इससे चिंतित नहीं था."

हाल के दिनों तक अपर डोल्पा के अलग थलग होने के कारण यहां की जीवन शैली सालों से बनी एक जैसी थी लेकिन हाल में पर्यटन बढ़ने के कारण स्थिति बदल गई है.

पत्थर के घरों पर जहां एक समय में प्रार्थना के झंडे लगे होते थे आज सैटेलाइट डिश नजर आने लगी हैं, इससे वह दुनिया की एक झलक टीवी पर पा सकते हैं.

इस इलाके के लिए काम कर रहे डच चैरिटी संस्थान का कहना है कि एक समय में जहां 80 फीसदी परिवार में एक ही औरत ब्याह कर आती आज पांच में एक परिवार में ऐसा होता है. शायद अगली पीढ़ी तक यह परंपरा पूरी तरह खत्म हो जाएगी.

चोयोकाप गुरुंग कहते हैं, "एक महिला से शादी करने की परंपरा मुश्किल हालात में परिवार को एक साथ रखने के लिए है. कई भाइयों के साथ घर अच्छे से चलता है और बच्चों के लिए अच्छे भविष्य का मौका होता है."

एएम/एजेए (एएफपी)

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