1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

एक जैसी आंखें यानि डिसलेक्सिया बीमारी

ओंकार सिंह जनौटी
१८ अक्टूबर २०१७

"तारे जमीं पर" फिल्म में इनू को डिसलेक्सिया नाम की बीमारी थी. उसे अक्षर उल्टे पुल्टे दिखाई पड़ते थे. अब वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि ऐसा दिमाग नहीं, आंखों की वजह से होता है.

https://p.dw.com/p/2m4tl
Augenlaser Symbolbild
तस्वीर: Fotolia/Jürgen Fälchle

अब तक यह माना जाता था कि डिसलेक्सिया मस्तिष्क से जुड़ी बीमारी है. लेकिन अब वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि यह दिमाग से नहीं बल्कि आंखों की कोशिकाओं से जुड़ी बीमारी है. रॉयल सोसाइटी जर्नल में छपे शोध के मुताबिक, आंखों की पुतली यानि रेटिना के भीतर कोशिकाओं के असामान्य पैटर्न के कारण यह बीमारी होती है.

आम तौर पर इंसान की एक आंख ज्यादा प्रभावशाली होती है. और दूसरी थोड़ी कम. प्रभावशाली आंख में कोशिकाओं का पैटर्न गोलकार होता है. वहीं दूसरी आंख में यह पैटर्न अंडाकार होता है. प्रभावशाली आंख हमेशा सटीक तस्वीर मुहैया कराती है, जबकि दूसरी आंख की तस्वीर कमतर होती है. दोनों तस्वीरें जब दिमाग तक पहुंचती हैं तो मस्तिष्क प्रभावशाली आंख की तस्वीर को मुख्य तस्वीर मानता है और उसका प्रतिबिंब हमें दिखाता है.

Symbolbild Auge
रेटिना के भीतर दिखाई देता कोशिकाओं का पैटर्नतस्वीर: Fotolia/Serg Zastavkin

लेकिन जिन लोगों को डिसलेक्सिया होता है, उनकी दोनों आंखों में एक जैसा गोलाकार पैटर्न होता है. इसका मतलब यह है कि दोनों आंखों में प्रभावशाली होने की होड़ सी लगी रहती है. इस होड़ के चलते मस्तिष्क असमंजस में पड़ जाता है कि किस आंख की तस्वीर को सही माना जाए. इस असंजस के चलते मस्तिष्क अक्षरों पर फोकस नहीं कर पाता. और अक्षर उल्टे पुल्टे दिखाई पड़ते हैं.

प्रोफेसर जॉन श्टाइन ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी में ब्रिटिश डिसलेक्सिया एसोसिएशन के एक्सपर्ट एडवाइजर हैं. प्रोफेसर श्टाइन इस जानकारी को बड़ी कामयाबी मानते हैं. उनके मुताबिक पहली बार डिसलेक्सिया का सही कारण पता चला है. अब इसके लिए इलाज का ज्यादा कारगर तरीका पाया जा सकता है. वैज्ञानिकों को अब सिर्फ यह पता लगाना है कि दोनों आंखों में कोशिकाओं का पैटर्न आखिर एक जैसे क्यों हो जाता है.