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उन्नाव गैंगरेप: जानिए क्या है पूरा मामला

१० अप्रैल २०१८

उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में 16 वर्षीय लड़की के साथ हुए गैंगरेप के मामले में अब राजनीति शुरु हो गई है. बलात्कार पीड़िता के पिता की पुलिस कस्टडी में हुई मौत के बाद अब कई राजनीतिक दलों ने बीजेपी पर निशाना साधा है.

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तस्वीर: Getty Images/AFP/M. Sharma

पीड़िता ने स्थानीय विधायक कुलदीप सिंह सेंगर समेत कई लोगों पर गैंगरेप का आरोप लगाया था. पुलिस ने पीड़िता के साथ मारपीट के आरोप में विधायक के भाई अतुल सेंगर की गिरफ्तारी की है. पीड़िता के पिता की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उनके साथ मारपीट की पुष्टि हुई है. रिपोर्ट में कहा गया है कि पिता के शरीर पर चोटों के 14 निशान मिले हैं.

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राज्य सरकार पर तंज कसते हुए कहा, "बेटी बचाओ, खुद मारे जाओ." इस मसले पर राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि प्रदेश में अपराधियों की जगह नारी आतंकित हो रही है. हालांकि राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना को काफी दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण कहा है. इस मामले में अब तक 6 पुलिसवालों को सस्पेंड किया जा चुका है. साथ ही न्यायिक जांच के आदेश भी जारी कर दिए गए हैं. राज्य सरकार ने एक विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन किया है, जो मामले की जांच कर रही है.

क्या है पूरा मामला

एक 16 वर्षीय लड़की ने पिछले साल जून में भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर और उसके साथियों पर बलात्कार का आरोप लगाया था. लेकिन इस मामले के सामने आने के बाद लड़की अचानक गायब हो गई जिसके बाद परिवार वालों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. शिकायत के नौ दिन बाद लड़की औरेंया जिले के एक गांव में मिली जिसके बाद उसे उन्नाव लाया गया.

पुलिस ने उसे कोर्ट के सामने पेश किया और उसका बयान दर्ज किया. पीड़िता ने पुलिस पर आरोप लगाया कि उसे अपने बयान में बीजेपी विधायक का नाम नहीं लेने दिया गया. दस दिन बाद उसे परिवार वालों के पास भेज दिया गया लेकिन वह लगातार पुलिस पर आरोप लगाती रही. उन्नाव छोड़कर पीड़िता और उसका परिवार दिल्ली आ गया लेकिन वह अपनी शिकायतें मुख्यमंत्री से लेकर राज्य के तमाम वरिष्ठ अधिकारियों को भेजती रही, ताकि वह भाजपा विधायक कुलदीप सेंगर और उसके भाई अतुल सिंह के खिलाफ मामला दर्ज करा सके.

लेकिन जब कहीं से कोई सुनवाई नहीं हुई, तो इस साल फरवरी में पीड़िता की मां ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) का दरवाजा खटखटाया ताकि इस मामले में एफआईआर दर्ज हो सके. 3 अप्रैल को पीड़िता कि मां की अपील पर कोर्ट ने सुनवाई की. मामले की सुनवाई में भाग लेने ही पीड़िता के पिता परिवार समेत उन्नाव वापस लौटे. परिवार वालों के मुताबिक उस शाम बीजेपी विधायक कुलदीप सेंगर के भाई अतुल सिंह ने अपने साथियों के साथ मिलकर लड़की के पिता को परेशान किया. इसके बाद ही अवैध हथियार के रखने के आरोप में पुलिस ने लड़की के पिता को गिरफ्तार कर लिया.

फिर 5 अप्रैल को पीड़िता के पिता को जेल भेज दिया. पीड़िता के पिता ने विधायक के भाई पर मारपीट करने और फंसाने का आरोप लगाया. लेकिन उनकी शिकायत पर कोई कदम नहीं उठाया गया. इसके बाद पीड़िता ने लखनऊ में मुख्यमंत्री निवास के सामने आत्मदाह करने की कोशिश की. साथ ही वह बीजेपी विधायक कुलदीप सेंगर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराए जाने की मांग करती रही, जिसके बाद यह पूरा मामला सामने आया. 9 अप्रैल को पुलिस कस्टडी में लड़की के पिता की मौत हो गई.

अपूर्वा अग्रवाल/आईबी