उत्तर भारत में भयंकर बारिश
१९ सितम्बर २०१०अलमोड़ा जिले में मलबों के नीचे दबकर 19 लोगों की मौत हो गई है. बताया गया है कि 14 लोग अभी तक मलबों में दबे हुए हैं. नैनीताल में भी आठ लोगों की मौत हुई है. प्रदेश में गंगा का जलस्तर हर कहीं खतरे से ऊपर है. पिछले 40 सालों में यहां इतनी भयानक बारिश नहीं देखी गई थी.
उत्तर प्रदेश में मुरादाबाद के नजदीक कोसी और रामगंगा नदियों में आई बाढ़ में लखनऊ-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग का एक हिस्सा डूब जाने की वजह से उसे बंद कर देना पड़ा है. यहां बाढ़ के प्रभाव को कम करने के लिए तीन बंध खोल दिए गए थे, जिसकी वजह से 50 गांव पानी में डूब गए. प्रदेश में बारिश व बाढ़ से पिछले दो दिनों में 6 लोगों की मौत की खबर मिली है. बिजनौर में एक बंध के ऊपर से पानी का बहाव शुरू होने के बाद स्थिति जटिल बनी हुई है. रामगंगा नदी के किनारे छिछले स्थानों में काफी लोग फंसे हुए हैं. अनेक परिवार बेघर हो चुके हैं और व्यापक इलाके में फसल नष्ट हो चुकी है.
बिहार में लंबे समय तक सूखे की स्थिति थी, अब वहां बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. गंडक का जलस्तर 16 फीट ऊंची दीवार तक पहुंच चुका है और पानी का बढ़ना जारी है. खासकर गोपालगंज, सारन और सीवान जिलों में आने वाले दिनों में कच्चे बंधों के टूटने से बाढ़ के पानी का खतरा बाढ़ गया है. स्थिति के आकलन के लिए प्रदेश सरकार ने एक विशेष दस्ते का गठन किया है. इस इलाके में 200 से अधिक गांवों को खाली कराया गया है.
रिपोर्ट: एजेंसियां/उभ
संपादन: वी कुमार