उत्तर कोरिया से बच कर कहां जाओगे
उत्तर कोरिया को पृथ्वी पर सबसे बड़ी जेल कहा जाता है. हाल के दिनों में जो देश के भीतर परिस्थितियां बनी हैं उनमें साफ दिखता है कि उत्तर कोरिया अपने नागरिकों और सच को देश के बाहर जाने से रोकने पर अमादा है.
हमेशा के लिए कोई दोस्त नहीं
चीन और उत्तर कोरिया के बीच नजदीकी संबंध रहे हैं लेकिन हाल के वर्षों में यह रिश्ता खटाई में पड़ा है. चीनी प्रांत जिलिन के दक्षिण में दोनों देशों की सीमा पर बेहद सख्त नियंत्रण इसका हाल कहता है. पासपोर्ट के अलावा यात्रियों को अपने सभी उपकरण और सामान छानबीन और लंबी तलाशी के लिए अधिकारियों को सौंपने होते हैं. वैसे कारोबारी रिश्ते जरूर चलते आ रहे हैं.
विवादित नदी पर पुल
तमाम बंदिशों के बाद भी चीन के साथ उत्तर कोरिया का संपर्क है. दोनों देशों को बाटने वाली यालू नदी पर ये नया पुल साइनो कोरिया फ्रेंडशिप ब्रिज की जगह लेगा. पहले इसी पुलिस से 70 फीसदी कारोबार होता था. उत्तर कोरिया की तरफ पुल के निर्माण का काम रुक गया है क्योंकि पैसे की कमी है हालांकि चीन की निजी कंपनियों ने इसके लिये पैसा दिया है.
बाड़ के उस पार
उत्तर कोरिया के नॉर्थ हामग्योंग प्रांत की सीमा चीन से लगती है. बीते साल बाढ की वजह से कांटेदार तारों की बाड़ बह गयी. ये बाड़ उत्तर कोरियाई लोगों और सामान की तस्करी रोकने के लिए लगायी गयी थी. अधिकारियों ने बाढ़ का पानी कम होने के बाद सबसे पहले इस बाड़ की मरम्मत का ही काम शुरू किया. इस दौरान बड़ी संख्या में गार्ड्स भी तैनात कर दिये गये जिन्हें बाहर जाने वाले लोगों को गोली मारने का आदेश भी मिला.
काईसोंग का स्पेशल इकोनॉमिक जोन
सोल से एक घंटे की दूरी पर कोरियाई असैन्य क्षेत्र में मौजूद इस विशेष आर्थिक जोन में उत्तर कोरिया के 50 हजार से ज्यादा लोग काम करके विदेशी मुद्रा कमाते थे. उत्तर कोरिया की गतिविधियों से तंग आ कर दक्षिण कोरिया की तत्कालीन राष्ट्रपति ने 2016 में अस्थायी रूप से इसे बंद कर दिया. नये राष्ट्रपति ने इसे दोबारा खोलने की इच्छा जतायी है.
होम स्वीट होम
उत्तर कोरिया से भागने वालों की संख्या बीते कई सालों से लगातार कम हो रही है लेकिन इसके बावजूद सरकार के लिए यह संवेदनशील मसला है. इस तस्वीर में दक्षिण कोरिया के टेलीविजन जगत की मशहूर हस्ती लिम जी ह्यून दिख रही हैं जो संदिग्ध परिस्थितियों में उत्तर कोरिया वापस लौट गयीं और जुलाई में सार्वजनिक बयान दिया कि, "दक्षिण में तो नर्क है."
पकड़ सको तो पकड़ लो
उत्तर कोरिया से भागने वाले कई लोग अपने परिवार से मिलने वापस लौटे और फिर पकड़ लिये गये या फिर उन्हें ब्लैकमेल किया गया. हाल ही में एक रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर कोरिया की सरकार ने सीमा से लगने वाले चीन के इलाकों से भागने वालों को पकड़ कर लाने के लिए अपने एजेंट भेजे. इन एजेंटो का दस्ता जियांगबिन और दांडोंग के होटल में रुका था.
एम्यूजमेंट पार्क!
उत्तर कोरियाई लोगों के लिए भले ही यहां से निकलना कठिन हो लेकिन उत्तर कोरिया विदेशी सैलानियों को अपने आकर्षण दिखाने के लिए जरूरत बुलाता है. उत्तर कोरिया की सरकारी ट्रैवल एजेंसी ने तो अंतरराष्ट्रीय वेसाइट भी शुरू कर दी जिसमें उत्तर कोरिया के अलग अलग इलाकों और थीम के हिसाब से यात्रा के कार्यक्रम बनाये गये हैं. इसमें आर्किटेक्चर, साइकलिंग और स्पोर्ट्स जैसी चीजों पर ध्यान दिया गया है.