उत्तर कोरिया का परमाणु हथियार इस्तेमाल न करने का वादा
२८ मार्च २०१८चीन ने कहा है कि इस मुलाकात में उत्तर कोरियाई शासक ने परमाणु निशस्त्रीकरण और अमेरिकी अधिकारियों के साथ मुलाकात को लेकर प्रतिबद्धता जताई है. चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और उत्तर कोरियाई शासक किम जोंग उन की इस मुलाकात के बाद, चीन ने साफ किया है कि वह अपने पड़ोसी मुल्क उत्तर कोरिया के साथ दोस्ती बनाए रखेगा.
चीन के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा, "उत्तर कोरियाई शासक ने राष्ट्रपति शी जिनपिंग को बताया कि कोरियाई प्रायद्वीप में अब स्थिति बेहतर हो रही है. क्योंकि उत्तर कोरिया लगातार इसके लिए पहल कर रहा है. इसी दिशा में आगे बढ़ते हुए उसने शांति वार्ता के लिए प्रस्ताव पेश किए हैं." किम जोंग उन के हवाले से कहा गया है, "हम उत्तर कोरिया के पूर्व शासकों की इच्छा मुताबिक कोरियाई प्रायद्वीप में परमाणु हथियारों के इस्तेमाल न करने को लेकर प्रतिबद्ध हैं." किम ने कहा, "कोरियाई प्रयाद्वीप में परमाणु मसला सुलझ सकता है अगर दक्षिण कोरिया और अमेरिका हमारी कोशिशों को सकारात्मक ढंग से लें ताकि इस क्षेत्र में शांति और स्थिरता का माहौल बन सकें."
वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति कार्यालय व्हाइट हाउस ने बयान जारी कर कहा है, "चीन ने उत्तर कोरियाई शासक की इस यात्रा के बारे में अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप को जानकारी दी है." वहीं दक्षिण कोरिया और जापान ने कहा है कि वह चीन से किम जोंग उन के दौरे की पूरी जानकारी दिए जाने की उम्मीद कर रहे हैं.
किम जोंग उन की इस यात्रा को लेकर तमाम अटकलें लगाई जा रहीं थीं. जापानी मीडिया ने हरी और पीली पट्टी वाली एक ट्रेन का वीडियो जारी कर दावा किया था कि किम जोंग उन इसी ट्रेन से चीन पहुंचे थे. लेकिन सोमवार तक चीन का विदेश मंत्रालय ऐसी किसी भी यात्रा की जानकारी होने से इनकार करता रहा. लेकिन यात्रा की पुष्टि होने के बाद विदेश मंत्रालय ने इसे अनौपचारिक यात्रा बताया है. साल 2011 में सत्ता में आने के बाद यह पहला मौका है जब किम जोंग उन ने कोई विदेश यात्रा की है.
विश्लेषक किम जोंग उन की इस यात्रा को दक्षिण कोरिया और अमेरिका के साथ मुलाकात के ठीक पहले की तैयारी बता रहे हैं. उत्तर कोरिया की सरकारी मीडिया एजेंसी केसीएनए ने उत्तर कोरिया की परमाणु नीति और अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के साथ होने वाली मुलाकात को लेकर कुछ भी नहीं कहा है. कुछ विश्लेषक परमाणु नीतियों को लेकर किम जोंग उन के रुख पर संशय व्यक्त करते हैं. इनका कहना है कि जिन नीतियों को किम जोंग उन का परिवार और उनके पहले से शासक चलाते आ रहे हैं उन्हें वह ऐसे नहीं रोकेंगे.
पिछली कई मौकों पर उत्तर कोरिया ने साफ कहा है कि वह अपने परमाणु कार्यक्रमों को तभी रोकेगा जब अमेरिका अपनी फौजों को जापान और दक्षिण कोरिया से हटा लेगा.
एए/ओएसजे (रॉयटर्स, एपी, डीपीए)