इस्राएल और भारत के बीच हुए समझौते
५ जुलाई २०१७दोनों देश 4 करोड़ डॉलर के इनोवेशन फंड में भी निवेश करेंगे. ये समझौते दोनों देशों के बीच नागरिक क्षेत्रों में संबंधों के विस्तार के प्रयासों का हिस्सा हैं. इस्राएल पहले से ही भारत को प्रतिवर्ष औसतन 1 अरब डॉलर के सैन्य उपकरण बेच रहा है. भारत रक्षा उपकरणों के लिए दुनिया का सबसे बड़ा आयातक है और इस्राएल इसके प्रमुख आपूर्तिकर्ताओं में से एक बन गया है.
मंगलवार को शुरू हुई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा के पहले दिन से नेतन्याहू और मोदी एक दूसरे से बहुत उत्साह से मिले हैं. दोनों ने इस मुलाकात को ऐतिहासिक और अभूतपूर्व बताया है. बेन्यामिन नेतन्याहू ने मोदी से बातचीत के बाद येरूशलेम में कहा, " मुझे लगता है कि आज भारत और इस्राएल हमारी दुनिया बदल रहे हैं और शायद दुनिया के कुछ हिस्सों को भी बदल रहे हैं, "
मोदी ने कहा कि बातचीत द्विपक्षीय परियोजनाओं से बढ़कर इस मुद्दे पर भी हुई कि हमारा सहयोग वैश्विक शांति और स्थिरता में कैसे मदद कर सकता है." उन्होंने यह भी कहा कि दोनों नेता सामरिक हितों की रक्षा के लिए और साइबर स्पेस सहित बढ़ते कट्टरपंथ और आतंकवाद से मुकाबला में सहयोग करने के लिए सहमत हुए हैं.
मोदी मंगलवार को इस्राएल पहुंचे, जहां हवाई अड्डे पर लाल कालीन बिछा कर प्रधानमंत्री बेन्यामिन नेतन्याहू समेत पूरा इस्राएल उनके स्वागत के लिए तैयार खड़ा था. इस्राएल के विश्लेषकों ने ध्यान दिलाया है कि मोदी अपने तीन दिवसीय प्रवास के दौरान फलस्तीनी नेताओं से मिलने के लिए रमल्लाह की यात्रा नहीं करने जा रहे हैं. हालांकि मोदी ने मई में फलस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास से नई दिल्ली में बैठक की थी.
एसएस/एमजे (एएफपी)