इन भारतीयों का सम्मान पूरी दुनिया करती है
मशहूर हस्तियां तो कई होती हैं, लेकिन दिल से सम्मान पाने वाले कुछ ही लोग होते हैं. एक नजर दुनिया भर में ऐसा सम्मान पाने वाले भारतीयों पर.
महात्मा गांधी
दुनिया के कई देशों के लिए भारत आज भी गांधी का देश है. दुनिया के लगभग सभी बड़े शहरों में महात्मा गांधी के नाम पर कोई न कोई सड़क या स्मृति प्रतीक जरूर है. विश्व में महान प्रतिभाएं कई हुई हैं, लेकिन कोई दूसरा गांधी नहीं हुआ.
रबींद्रनाथ टैगोर
जीवन के दर्शन और मनुष्य के भीतर का झंझावात समझना हो तो रबींद्रनाथ टैगोर को पढ़िये. उनकी नोबेल पुरस्कार जीतने वाली रचना गीताजंलि को इंसानी इतिहास की कालजयी रचनाओं में गिना जाता है.
श्रीनिवास रामानुजन
ब्रिटिश हुकूमत के दौरान एक युवक ने इंग्लैंड चिट्ठी भेजी और अनंत तक की संख्याओं को हल करने का दावा किया. शुरू में किसी को रामानुजन के दावे पर यकीन नहीं हुआ. लेकिन रामानुज ने अंनत सीरीज और अंकगणित के सबसे बड़े समीकरण गढ़ दिये. दुनिया भर की गणित की किताबों में रामानुजन की विशेष जगह है.
सत्येंद्रनाथ बोस
परमाणु के भीतर के गूढ़ रहस्य समझाने और क्वांटम विज्ञान के सिद्धांत गढ़ने वाले भारतीय भौतिक विज्ञानी सत्येंद्रनाथ बोस विज्ञान जगत में बेहद सम्मानित नाम हैं. बोस के सम्मान के चलते ही प्रोटोनों की आपसी टक्कर से निकलने वाले अतिसूक्ष्म कणों को हिग्स बोसोन नाम मिला.
ध्यानचंद
विश्व के करीब 100 देशों में फील्ड हॉकी खेली जाती है. और इन सभी देशों में हॉकी खेलने वालों को पता है कि इस खेल में सबसे बड़ा खिलाड़ी कौन हुआ? भारत के ध्यानचंद. फील्ड हॉकी में कई बेहतरीन खिलाड़ी तो सामने आये, लेकिन कोई ध्यानचंद जैसा नहीं आया.
मदर टेरेसा
अल्बानिया में पैदा हुई और चर्च के काम से भारत पहुंच गईं. मदर टेरेसा ने जब कोलकाता ने कुष्ठ रोगियों की हालत देखी तो वह द्रवित हो उठीं. जिन लोगों से पूरा समाज दूर भागता था, मदर टेरेसा उनके पास गयीं. खुद अपने हाथों से उन्हें मलहम लगाने लगीं. मदर टेरेसा भी भारत की पहचान बनीं.
श्री श्री रविशंकर
ओशो और महर्षि अरबिंदो भारतीय आध्यात्म को पश्चिम तक ले गये. लेकिन आर्ट ऑफ लीविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर ने इसे दुनिया के कोने कोने में पहुंचा दिया. आर्ट ऑफ लीविंग के 100 से ज्यादा देशों में सेंटर हैं. श्री श्री दुनिया भर में सम्मानित लोगों की सूची में हमेशा बने रहते हैं.
रवि शंकर
भारत के शास्त्रीय संगीत को विश्व मंच पर पहचान रवि शंकर ने ही दिलायी. उनके सितार से निकली धुनों और उसके पीछे छुपे अहसास ने दुनिया भर के लोगों को दीवाना बना दिया. अली अकबर खान और रवि शंकर की जुगलबंदी को अब तक के बेहतरीन संगीत समारोहों में गिना जाता है.
सत्यजीत रे
सत्यजीत रे भारत के एक मात्र ऑस्कर विजेता फिल्म डायरेक्टर हैं. पूरी दुनिया में जहां जहां सिनेमा की पढ़ाई होती हैं, वहां सत्यजीत रे भी पढ़ाये जाते हैं. भारत विद्या की पढ़ाई में सत्यजीत रे का जिक्र किया जाता है.
शाहरुख खान
राज कपूर ने हिंदी सिनेमा को सोवियत संघ में मशहूर किया. अमिताभ बच्चन की अदाकारी के चलते हिंदी फिल्में मध्य पूर्व और अरब देशों तक पहुंच गयीं. और फिर शाहरुख खान का दौर आया और बॉलीवुड चीन, यूरोप और अमेरिका में हॉलीवुड से मुकाबला करने लगा. शाहरुख खान आज भारतीय सिनेमा का सबसे चर्चित चेहरा हैं.