इन इलाकों में हुए थे भारत के ऐतिहासिक युद्ध
इतिहास न सिर्फ युद्ध करने वाले राजा और इनके कारणों को जगह देता है बल्कि उतनी ही तवज्जो उस जगह को भी देता है जहां ये युद्ध लड़े जाते हैं. एक नजर भारत के उन इलाकों पर जहां लड़े गए थे इतिहास के निर्णायक युद्ध.
कुरुक्षेत्र, हरियाणा
कुरुक्षेत्र का जिक्र न सिर्फ इतिहास की किताबों में मिलता है, बल्कि हिंदुओं का धार्मिक ग्रंथ माने जाने वाले महाभारत में भी इसका उल्लेख मिलता है. दिल्ली से 160 किलोमीटर दूर स्थित कुरुक्षेत्र, हरियाणा राज्य में आता है. पुराणों के अनुसार कुरुक्षेत्र की ही जमीं पर हिंदुओं के भगवान श्रीकृष्ण ने अजुर्न को भगवत गीता सुनाई थी. साथ ही यही वह क्षेत्र है जहां पांडवों और कौरवों के बीच युद्ध हुआ था
कलिंग, उड़ीसा
यह युद्ध मौर्य सम्राट अशोक और कलिंग प्रदेश के राजा के बीच 262 ईसा पूर्व में लड़ा गया. इस युद्ध में अशोक की जीत हुई. माना जाता है कि इस युद्ध में हुए खून-खराबे ने अशोक को बदल दिया जिसके बाद शांति का मार्ग चुनते हुए उन्होंने बौद्ध धर्म को अपनाया. आज कलिंग की युद्ध भूमि का बड़ा हिस्सा उड़ीसा में तो एक हिस्सा आंध्रप्रदेश में नजर आता है.
पानीपत, हरियाणा
हरियाणा का पानीपत शहर आज भले ही रिहायशी इलाका हो, लेकिन इस क्षेत्र ने इतिहास के बड़े युद्धों को झेला है. पानीपत के तीन युद्ध इतिहास में बेहद अहम हैं. पानीपत के पहले युद्ध ने मुगलों का रास्ता साफ किया. पहला युद्ध बाबर और इब्राहिम लोधी के बीच 1526 में लड़ा गया. दूसरा अकबर की सेना और हेमू के बीच साल 1556 में और तीसरा युद्ध 1761 में मराठा साम्राज्य और अफगान हमलावर अहमद शाह दुरानी के बीच हुआ था.
तराइन का युद्ध, थानेसर, हरियाणा
तराइन के इतिहास में तीन युद्धों का जिक्र मिलता है. यह क्षेत्र आज हरियाणा के कुरुक्षेत्र में थानेश्वर के निकट का इलाका माना जाता है. साल 1191 में पृथ्वीराज चौहान और मोहम्मद गौरी के बीच तराइन का पहला युद्ध हुआ था जिसमें पृथ्वीराज चौहान की जीत हुई थी, दूसरे युद्ध में मोहम्मद गौरी की जीत हुई थी.
हल्दीघाटी, राजस्थान
राजस्थान में अरावली पर्वतमाला के बीच स्थित हल्दीघाटी का इलाका आज के उदयपुर शहर में देखने को मिलता है. महाराणा प्रताप और मुगल सम्राट अकबर की सेनाओं के बीच साल 1576 में यहां युद्ध हुआ था. यह युद्ध कुछ समय पहले सुर्खियों में तब आया जब राजस्थान बोर्ड ने दसवीं की पाठ्यपुस्तकों में इस युद्ध से जुड़े तथ्यों के बदलाव की अनुमति दी. बदलाव मुताबिक इस युद्ध में महाराणा प्रताप ने अकबर को हराया था.
प्लासी, पश्चिम बंगाल
साल 1757 में हुई प्लासी की लड़ाई ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के खिलाफ बंगाल के नवाब और उनके फ्रांसीसी साथियों ने छेड़ी थी. इस युद्ध ने ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के विस्तार में अहम भूमिका निभाई. भागीरथी नदी के किनारे बसा प्लासी गांव पश्चिम बंगाल के नादिया जिले में आता है. इसमें ईस्ट इंडिया कंपनी की जीत हुई थी.
बक्सर, बिहार
साल 1764 में हुआ बक्सर का युद्ध ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के खिलाफ बंगाल के नबाव मीर कासिम, अवध के नवाब और मुगल राजा शाह आलम द्वितीय की संयुक्त सेना ने लड़ा था. इस लड़ाई में ब्रिटिश सेना की जीत हुई थी. कभी युद्ध भूमि बना बक्सर, आज बिहार का एक शहर है जो उत्तर प्रदेश की सीमा से सटा हुआ है.
श्रीरंगपट्टनम, कर्नाटक
मैसूर का श्रीरंगपट्टनम इतिहास में टीपू सुल्तान की वीरता और साहस का गवाह बना था. साल 1761 में टीपू मैसूर के शासक बने. टीपू ने 1766 में हुए प्रथम मैसूर युद्ध में अंग्रेजों को हराया और 1782 के द्वितीय मैसूर युद्ध में भी अंग्रेजों को हराने में सफल रहे. 1799 में अंग्रेजों से मुकाबले से श्रीरंगपट्टनम की रक्षा करते हुए 4 मई को टीपू सुल्तान की मौत हो गई.