इतिहास रचने दक्षिण कोरिया आए किम जोंग उन
कोरिया के लिए यह एक ऐतिहासिक लम्हा है. आपसी बैर को किनारे कर उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन ने दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति से मिलने के लिए सीमा पार की है. देखिए इस मुलाकात की तस्वीरें.
मुलाकात का गांव
नेताओं की मुलाकात सीमा पर मौजूद पनमुनजोम गांव में हो रही है जहां ऊंची कांटेदार बाड़ और बारूदी सुरंगें नहीं हैं. सीमा पर ऐसी जगहें चुनिंदा ही हैं.
ऐतिहासिक लम्हा
1950-53 के कोरियाई युद्ध के बाद यह पहली बार है जब किसी उत्तर कोरियाई नेता ने दक्षिण कोरिया की जमीन पर पैर रखे हैं. पेड़ लगा कर इस पल को यादगार बनाया गया.
मुस्कान के साथ स्वागत
किम जोंग उन होठों पर मुस्कान लिए आगे बढ़े तो सामने दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति भी मुस्कुराते खड़े थे और दोनों ने गर्मजोशी से हाथ मिलाया.
इधर से आइए
मून जेइ इन किम जोंग उन को सीमा रेखा की तरफ ले गए और दोनों नेताओं को हाथों में हाथ लेकर तस्वीर खिंचाने और अकेले में कुछ और देर बात करने का मौका मिला.
भावनाओं का उभार
किम जोंग उन ने दक्षिण कोरिया में आ कर भावनाओं का ज्वार उमड़ने की बात कही और यह भी कि वो हैरान हैं कि इस जगह आने में "इतना वक्त क्यों लगा?"
पारंपरिक स्वागत
किम जोंग को पारंपरिक परिधान में दक्षिण कोरियाई सैनिकों ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया. इसके बाद दोनों नेता दक्षिण कोरियाई हिस्से में मौजूद पीस हाउस में चले गए.
हल्की फुल्की बातें
दोनों नेता हंसते मुस्कुराते एक दूसरे से दोपहर के भोजन के पहले करीब दो घंटे तक हल्की फुल्की बातें करते रहे. बातचीत शुरू होने से पहले मून जेइ इन ने कहा, हमारी मुलाकात को "पूरा दुनिया देख रही है, हमारे कंधों पर बड़ी जिम्मेदारी है."
अलग अलग लंच
पहले दौर की मुलाकात के तुरंत बाद दोनों नेता अपनी अपनी दिशा में अलग लंच करने गए. किम जोंग उन काले रंग की लिमोजिन में गार्डों के साथ उत्तर की ओर लौटे.
युद्ध नहीं थमा
दोनों देशों के बीच युद्धविराम को लेकर कोई समझौता नहीं हुआ है. तो इसका मतलब यह है कि तकनीकी रूप से दोनों देश अब भी जंग लड़ रहे हैं.
संबंधों में सुधार
इस साल जनवरी के बाद से दोनों देशों के रिश्तों में सुधार की सुगबुगाहट सुनाई देने लगी. इसमें बहुत भूमिका अमेरिका की भी रही है. किम जोंग उन जल्दी ही राष्ट्रपति ट्रंप से भी मिलेंगे.