इतिहास में आज: एक अक्टूबर
३० सितम्बर २०१६इसके साथ ही माओ ने खुद को देश का प्रमुख भी घोषित कर दिया. चु इन्लाई को प्रधानमंत्री नियुक्त किया. यह माना जाता है कि इस घोषणा के साथ वर्षों से चले आ रहे द्विपक्षीय संघर्ष का अंत हुआ. माओ की ओर कम्युनिस्ट ताकतें थीं और दूसरा पक्ष था राष्ट्रवादी चीनी शासन के नेता चियांग काइशेक का. चियांग को अमेरिकी सरकार की ओर से धन बल का समर्थन मिला हुआ था. एशिया के सबसे बड़े देश चीन का इस तरह साम्यवादी शासन के हाथों में चला जाना अमेरिका के इरादों की एक बड़ी हार मानी गई. इसके एक महीने पहले ही कम्युनिस्ट देश सोवियत संघ ने एक नाभिकीय विस्फोट किया था जिससे अमेरिका पहले से ही सकते में था.
उस समय हैरी ट्रूमैन अमेरिका के राष्ट्रपति थे. अमेरिकी समर्थन वाले शासन के चीन में सफाये से अमेरिकी राजनीति में आरोप प्रत्यारोपों की झड़ी लग गई. रिपब्लिकन नेताओं ने ट्रूमैन को चीन के मामले को ठीक से ना संभाल पाने का दोषी बताया. वहीं कुछ दूसरे रिपब्लिकन तो उन पर कम्युनिस्टों के प्रति नरम रवैया रखने का आरोप मढ़ने लगे. अमेरिका ने नई चीनी सरकार को आधिकारिक मान्यता नहीं दी. इसके बाद 25 जून 1950 में छिड़े कोरिया युद्ध के कारण हालात और खराब हो गए. इस युद्ध में कम्युनिस्ट चीन ने उत्तर कोरिया का और अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र की ओर से दक्षिण कोरिया का साथ दिया. फरवरी 1972 में जाकर अमेरिकी राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन ने साम्यवादी चीन का दौरा कर दशकों से चले आ रहे गतिरोध को खत्म किया. दौरे के सात साल बाद 1979 में अमेरिका ने चीन के साथ औपचारिक रूप से राजनयिक संबंध बहाल किए.