इतिहास में आज: 7 जनवरी
६ जनवरी २०१४उम्मीद के मुताबिक अमेरिका में हुए पहले चुनाव में जॉर्ज वॉशिंगटन जीते और उन्हें 30 अप्रैल 1789 को पहले राष्ट्रपति के रूप में शपथ दिलाई गई और विश्व के सबसे ताकतवर लोकतंत्र की नींव पड़ी.
अमेरिका में आज भी इलेक्टोरेल कॉलेज सिस्टम के तहत ही चुनाव होते हैं, जैसा कि 1789 में हुआ था. इस प्रणाली की स्थापना अमेरिकी संविधान के तहत की गई. अमेरिका में 18 साल की उम्र के लोगों को वोट देने का अधिकार है. अमेरिकी राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति का चुनाव सीधे नहीं होता बल्कि मतदाता अपने वोट निर्वाचक मंडली के सदस्यों को चुनने के लिए देते हैं. ये इलेक्टर्स यूएस इलेक्टोरेल कॉलेज के होते हैं. इलेक्टोरेल कॉलेज में 538 प्रतिनिधि चुने जाते हैं, जो कि राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति का चुनाव करते हैं. हर एक इलेक्टर्स एक वोट राष्ट्रपति और एक उपराष्ट्रपति के लिए देता है. बहुमत के लिए 270 वोट जरूरी हैं. अगर किसी उम्मीदवार को बहुमत न मिले तो फैसला संसद के निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्ज को सौंप दिया जाता है. अमेरिका के 48 राज्यों और कोलंबिया जिले में प्रतिनिधियों के चुनाव के लिए विनर टेक ऑल पॉप्यूलर वोट नियम अपनाया जाता है. दो राज्यों में प्रतिनिधियों का चुनाव वोट के अनुपात से होता है.
हर चार साल में एक बार जनवरी महीने में अमेरिका में चुनावी समय शुरु होता है. पहला दौर प्राइमरी से शुरु होता है, जिसमें पार्टियां अपने उन उम्मीदवारों की सूची जारी करती है, जो राष्ट्रपति चुनाव में उतरना चाहते हैं. दूसरे दौर में हर राज्य के वोटर ऐसे प्रतिनिधि चुनते हैं, जो दूसरे दौर में पार्टी के सम्मेलन में हिस्सा लेते हैं. पार्टी सम्मेलनों में ये प्रतिनिधि राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार का चुनाव करते हैं. राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार उप राष्ट्रपति पद का अपना सहयोगी उम्मीदवार चुनता है और फिर चुनाव प्रचार शुरू होता है. उसके बाद नवम्बर में राष्ट्रीय चुनाव होते हैं. राष्ट्रपति बनने के लिए कुल 270 इलेक्टोरल वोट पाना जरुरी होता है. आम परिपाटी है कि 20 जनवरी को नए राष्ट्रपति को पद की शपथ दिलाई जाती है.