इतिहास में आज: 31 जनवरी
३० जनवरी २०१४एक्सप्लोरर I का प्रक्षेपण अमेरिका के अंतरराष्ट्रीय भूभौतिकीय वर्ष में भागीदारी के प्रतीक के रूप में किया गया था. इसका प्रक्षेपण फ्लोरिडा के केप कैनेवेरल से किया गया. एक्सप्लोरर I को जेट प्रोपल्शन लैबोरेटरी (जेपीएल) में तैयार किया गया था. यह पृथ्वी के कक्ष में 1970 तक रहा. इससे पहले पूर्व सोवियत संघ एक वर्ष पहले स्पूतनिक 1 और 2 को अंतरिक्ष में छोड़ चुका था. एक्सप्लोरर I के साथ ही अमेरिका और सोवियत संघ के बीच अंतरिक्ष में दौड़ का शीत युद्ध छिड़ गया.
अमेरिका का पृथ्वी उपग्रह कार्यक्रम 1954 में अमेरिकी थल सेना और नौसेना ने संयुक्त रूप से शुरू किया था. इस कार्यक्रम का नाम प्रोजेक्ट ऑरबिटर था. सेना की रेडस्टोन मिसाइल वाला प्रस्ताव 1955 में आइसनहोवर प्रबंधन द्वारा खारिज कर दिया गया. इसकी जगह नौसेना के प्रोजेक्ट वैनगार्ड को महत्व दिया गया जिसमें सिविलियन स्पेस लॉन्च के लिए बूस्टर का प्रस्ताव रखा गया था.
अमेरिकी नौसेना का उपग्रह कक्षा में भेजने का वैनगार्ड टीवी3 प्रयास 1957 में विफल रहा. इसके बाद सोवियत संघ के अंतरिक्ष में स्पूतनिक 1 और 2 को भेजने के बाद प्रोजेक्ट ऑरबिटर को फिर से तवज्जो दी गई ताकि सोवियत संघ को टक्कर दी जा सके.