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तीन आत्मघाती हमले, एक परिवार का हाथ

१४ मई २०१८

इंडोनेशिया में तीन चर्चों को आत्मघाती हमलों में निशाना बनाने वाले एक ही परिवार के छह सदस्य थे, जिनमें तीन नाबालिग भी शामिल थे. हमलों में कुल 13 लोगों की जानें गईं और तथाकथित इस्लामिक स्टेट ने इनकी जिम्मेदारी ली.

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Anschlagsserie in Indonesien
तस्वीर: Reuters/Beawiharta

हाल के सालों में ये इंडोनेशिया में होने वाले सबसे घातक सिलसिलेवार धमाके थे. दुनिया में सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी वाले देश इंडोनेशिया में सुरक्षा अधिकारी इन दिनों लगातार मजबूत हो रहे घरेलू चरमपंथियों से जूझ रहे हैं, जिनके कारण देश में धार्मिक रूप से अल्पसंख्यकों के खिलाफ असहिष्णुता बढ़ रही है. चर्चों पर हमले सुरबाया शहर में हुए जो इंडोनेशिया का दूसरा सबसे बड़ा शहर है. बाद में चरमपंथियों ने एक अपार्टमेंट परिसर और पुलिस मुख्यालय को भी निशाना बनाया.

इंडोनेशिया के राष्ट्रीय पुलिस प्रमुख टीटो कार्नवियन का कहना है कि चर्चों पर हमलों को एक ही परिवार के छह सदस्यों ने मिलकर अंजाम दिया. इनमें एक माता-पिता के अलावा उनकी नौ और 12 साल की दो बेटियां और 16 और 18 साल के दो बेटे शामिल हैं. यह परिवार चरमपंथियों के नेटवर्क जमाह अनशारुत दुलाह (जेएडी) से जुड़ा हुआ था जो तथाकथित इस्लामिक स्टेट का समर्थन करता है. 

स्थानीय मीडिया की रिपोर्टों के मुताबिक, हो सकता है कि ये लोग सीरिया से लौटे हों, जहां हाल के बरसों में बहुत से इंडोनेशियाई लोग आईएस की तरफ से लड़ने गए थे ताकि कड़े इस्लामी कानूनों वाली 'खिलाफत' बनाई जा सके. लेकिन सीरिया और इराक में अब आईएस दम तोड़ रहे हैं, तो उसके लड़ाकों ने एशिया का रुख कर लिया है. पाकिस्तान और अफगानिस्तान में हुए कई हालिया धमाकों की जिम्मेदारी लेने के बाद अब उसने सुदूर पूर्वी एशियाई देश इंडोनेशिया में हुए ताजा धमाकों की जिम्मेदारी कबूली है.

एके/एमजे (एएफपी)