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इंटरनेट से बढ़ते हैं रोमांस के मौके

१७ अगस्त २०१०

सुहानी शाम हो, हल्का सा संगीत हो, मद्धम रोशनी हो.. और फिर आप अपने साथी के साथ बैठे प्यार के पलों का आनंद उठाएं. अब रही बात साथी की, तो उसे तलाशने में इंटरनेट मदद करेगा.

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तस्वीर: AP

जगह भले ही इंटरनेट ले ली हो लेकिन पर्दे के उस तरफ तलाश एक साथी की ही हो रही है. नए शोध में सामने आया है कि जिनके घर पर इंटरनेट कनेक्शन है, ऐसे वयस्क लोगों के प्रेम में पड़ने के चांस ज्यादा होते हैं.

82 फीसदी लोग जिनके घर पर इंटरनेट है, वे या तो प्रेम में हैं या फिर उनकी पत्नी है. वहीं 63 प्रतिशत वयस्क जिनके घर में इंटरनेट नहीं है, वे अकेले जीवन गुजार रहे हैं. अमेरिका में सोशियोलॉजिकल असोसिएशन की सालाना बैठक में यह शोध प्रस्तुत किया गया.

स्टैंडफर्ड यूनिवर्सिटी के असोसिएट प्रोफेसर माइकल रोजनफेल्ड का कहना है, "हमारे शोध से दिखाई पड़ता है कि अमेरिकियों को साथी ढूंढने में इंटरनेट काफी मददगार साबित हुआ है. साथ ही यह भी सामने आया है कि अगर लोगों के घर में इंटरनेट है, तो उनके प्रेम में पड़ने के चांस भी ज्यादा होते हैं. लोगों से मिलाने में इंटरनेट एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है."

रोजनफेल्ड का कहना है, "संभव है कि अगले कुछ साल में इंटरनेट ऐसे दोस्तों की जगह ले लेगा, जिनके कारण लोग अपने जीवन साथी से मिलते रहे हैं. लगता है कि 1940 की शुरुआत से अब तक टॉप पर रहे दोस्तों की जगह इंटरनेट छीन लेगा."

ऐसे में क्या पता आने वाले समय में इंटरनेट हमारे रिश्तों पर भी असर डालने लगे. प्रोफेसर बताते हैं, "इंटरनेट सिर्फ एक ऐसा माध्यम नहीं है जो संपर्क बनाए रखने के लिए सबसे नया और आधुनिक माध्यम है बल्कि अब यह एक सामाजिक मध्यस्थ के तौर पर भी उभर रहा है. हो सकता है कि इसके कारण हमारे रिश्ते और साथियों में आने वाले समय में बदलाव हो."

रोजनफेल्ड और उनके साथियों ने अमेरिका में चार हजार वयस्कों पर ये शोध किया.

रिपोर्टः एएफपी/आभा एम

संपादनः ए कुमार

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