इंटरनेट पर नफरत फैलाने वालों के खिलाफ पुलिस अभियान
१५ जुलाई २०१६जर्मनी की संघीय पुलिस ने 14 राज्यों में यह अभियान छेड़ा है. फेसबुक, ट्विटर या ब्लॉग के जरिए इंटरनेट पर नफरत फैलाने वाले 60 संदिग्ध जांच के दायरे में आए हैं. पुलिस ने दर्जनों जगहों पर छापे मारे हैं. अभी कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है, लेकिन पुलिस ने संदिग्धों के कंप्यूटर, स्मार्टफोन और कैमरे सीज किये हैं. यह पहला मौका है जब जर्मनी में ऑनलाइन नफरत फैलाने वालों के खिलाफ संघीय और प्रांतीय पुलिस ने मिलकर ऐसा अभियान छेड़ा है.
खास ध्यान जर्मनी के समृद्ध राज्य बवेरिया पर दिया जा रहा है. पुलिस सूत्रों के मुताबिक वहां एक फेसबुक ग्रुप सीक्रेट ढंग से नाजी विचारधारा नेशनल सोशलिज्म को बढ़ावा दे रहा है. द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद से ही जर्मनी में नेशनल सोशलिज्म पर प्रतिबंध है. इसका इस्तेमाल नाजी तानाशाह हिटलर ने किया था. पुलिस के मुताबिक बवेरिया में एक्टिव इस ग्रुप ने दूसरों के साथ मिलकर उग्र दक्षिणपंथी विचारधारा फैलायी. उन पर यहूदियों और दूसरे समुदायों के प्रति घृणा फैलाने का आरोप भी है.
जर्मनी की संघीय पुलिस बीकेए के प्रमुख होल्गर मुइंच के मुताबिक सरकार भी इंटरनेट पर फैलती घृणा को रोकना चाहती है. मुइंच ने कहा कि शरणार्थी संकट के बाद से जर्मनी में दूसरे समुदाय के प्रति नफरत के चलते किये जाने वाले अपराध बढ़े हैं. पुलिस प्रमुख ने कहा, "हमें नफरत भरी स्पीच के प्रसार को खत्म करना होगा और ऐसा करने वालों को बिना रियायत के कानून के दायरे में लाना होगा."
दिसंबर 2015 में जर्मनी की संघीय और प्रांतीय सरकारों ने इंटरनेट पर फैलती नफरत से लड़ने के लिये टास्कफोर्स बनाया. जर्मनी के आंतरिक मंत्री थोमस दे मेजियर ने एक बार फिर साफ किया है, "हिंसा, चाहे वह मौखिक हिंसा हो या किसी और रूप में, उसे बिल्कुल स्वीकार नहीं किया जाएगा."
दे मेजियर ने साफ किया है कि नफरत भरी बातें करने के खिलाफ बना जर्मन कानूनी इंटरनेट पर भी लागू होता है. न्याय मंत्री हाइको मास ने फेसबुक, गूगल और ट्विटर जैसे प्रमुख इंटरनेट कंपनियों से भी सहयोग की उम्मीद जताई है.