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इंटरनेट की आजादी असल आजादी जितनी ही जरूरी

Priya Esselborn८ दिसम्बर २०११

बोलने की आजादी का मतलब इंटरनेट पर बोलने की आजादी भी है. यह मानने वाले अमेरिका ने भारत सरकार से इंटरनेट के लिए नियम बनाने पर बात शुरू कर दी है. अमेरिका मानता है इंटरनेट की आजादी असल आजादी जितनी ही अहम है.

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तस्वीर: AP

अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मार्क टोनर ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, "हम मानते हैं कि अभिव्यक्ति की आजादी वास्तविक दुनिया की तरह ही इंटरनेट पर भी समान रूप से लागू होती है." भारत सरकार फेसबुक जैसी सोशल नेटवर्किंग साइटों पर डाले गए विचारों और तस्वीरों, विडियो पर निगरानी रखने और उनके लिए नियम कायदे तय करने की बात कह रही है. इसी के बारे में सवाल पूछने पर टोनर ने यह बात कही. हालांकि टोनर ने यह साफ कर दिया कि इंटरनेट की आजादी के बारे में अमेरिकी सरकार का यह रुख भारत विशेष न हो कर सामान्य रूप से पूरी दुनिया के लिए है.

मार्क टोनर ने कहा, "इंटरनेट पर अभिव्यक्ति की आजादी को रोकने की कोशिश की हमें चिंता है."

आमतौर पर भारत के बारे में इस तरह की बातचीत नहीं होती लेकिन भारत के टेलिकॉम मंत्री कपिल सिब्बल के एक बयान ने इस बारे में देश विदेश के लोगों को चिंता में डाल दिया है. कपिल सिब्बल ने कहा कि उन्होंने फेसबुक और गूगल से आपत्तिजनक सामग्रियों को ब्लॉक करने के लिए कहा है, खासतौर से ऐसी चीजें जो कुछ भारतीय लोगों की धार्मिक भावनाओं को चोट पहुंचा सकती है.

टोनर ने माना कि यह ऐसा मुद्दा है जिस पर अमेरिका की भारत से बातचीत हो रही है और यह दोनों देशों के बीच रणनीतिक बातचीत का हिस्सा है. टोनर ने कहा, "भारत के बारे में बात की जाए तो हमारी एक समिति है जो दोनों देशों के बीच सूचना और संचार की तकनीक पर काम करती है. निश्चित रूप से इस समिति में हम सूचना तकनीक से जुड़े मुद्दों और इसमें निवेश के लिए उन कदमों की चर्चा करते हैं जो निवेश जुटा सकते हैं."

अमेरिकी विदेश विभाग का कहना है कि इस मामले में अमेरिका का रूख बिल्कुल साफ है. अमेरिकी विदेश मंत्री इंटरनेट की आजादी पर जल्दी ही एक अहम भाषण हेग में गुरुवार को देने वाली हैं. टोनर ने यह तो नहीं बताया कि इस भाषण में क्या कहा जाएगा लेकिन इतना जरूर बताया कि हाल के दिनों में भारत और दक्षिण कोरिया में हुई घटनाओं को इसमें प्रमुखता से जगह मिलेगी. टोनर ने कहा, "हमने साफ कर दिया है. हिलेरी क्लिंटन ने विश्व समुदाय से वास्तविक दुनिया की तरह ही इंटरनेट पर बोलने, मिलने, समुदाय बनाने की आजादी की रक्षा करने की अपील की है.

भारत में इंटरनेट पर किसी तरह की कोई पाबंदी अब तक नहीं है. टेलिकॉम मंत्री के इंटरनेट की आजादी की राह में बाधा डालने संबंधी बयान की कड़ी आलोचना हो रही है हालांकि उन्होंने कहा है कि वो सिर्फ इंटरनेट पर मौजूद सामग्रियों पर निगाह रखने की बात कर रहे हैं. पर यह तो सब जानते ही हैं कि एक बार अगर सरकार ने निगरानी शुरू कर दी तो फिर आगे क्या होगा. यह एक बड़ी सच्चाई है कि इन दिनों इंटरनेट पर लोग मनोरंजक बातचीत और तस्वीरों की लेनदेन से ज्यादा राजनीतिक विचारों पर बहस कर रहे हैं. आलोचकों का कहना है कि भारत सरकार इसी वजह से सोशल मीडिया पर निगरानी की बात कर रही है.

रिपोर्टः पीटीआई/एन रंजन

संपादनः महेश झा