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आरोप साबित हुए तो ये होगा भ्रष्टाचार का सबसे बड़ा मामला

२१ दिसम्बर २०१७

दुनिया की दो बड़ी तेल कंपनियों के खिलाफ इटली में अदालती कार्रवाई शुरू होने जा रही है. मसला है नाइजीरिया के एक तेल ब्लॉक की खरीद का. अगर आरोप सही पाए जाते हैं तो ये भ्रष्टाचार का सबसे बड़ा मामला साबित होगा.

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Nigeria Shell Ölförderung
तस्वीर: Getty Images/AFP/J. Lhuillery

इटली में मिलान की एक अदालत ने तेल कंपनी एनी और साथी पेट्रोलियम कंपनी शेल के अधिकारियों पर भ्रष्टाचार का मामला चलाने के आदेश दिए हैं. मामला साल 2011 में नाइजीरिया में एक ऑफश्योर तेल ब्लॉक ओपीएल245 की खरीद से जुड़ा है. कंपनियों के शीर्ष प्रबंधन पर आरोप है कि नाइजीरिया में 9 अरब बैरल कच्चे तेल वाले ब्लॉक की खरीद में कंपनियों की ओर से पारदर्शिता नहीं बरती गई. ब्लॉक की कीमत तकरीबन 1.3 अरब डॉलर थी. आरोप है कि कंपनियों ने नाइजीरिया के पूर्व राष्ट्रपति गुडलक जोनाथन और तेल मंत्री के साथ कई अधिकारियों को बड़ी रिश्वत दी. इस सौदे में नाइजीरियाई सरकार तेल कंपनी एनी, शेल व नाइजीरियाई कंपनी मलाबू ऑयल एंड गैस के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभा रही थी. उस वक्त मलाबू ऑयल एंड गैस कंपनी पर तात्कालीन पेट्रोलियम मंत्री डेन एटेटे का नियंत्रण था.

इस मामले में रिश्वत और भ्रष्टाचार के आरोप शेल और एनी पर लगते रहे हैं लेकिन दोनों कंपनियां इन आरोपों से इनकार करती हैं. कंपनियों के मुताबिक उन्होंने तेल ब्लॉक की खरीद में नाइजीरियाई कानूनों का पालन किया था. लेकिन भ्रष्टाचार के खिलाफ काम करने वाली संस्था ग्लोबल विटनेस के मुताबिक, शेल प्रबंधन की ओर से भेजे गए ईमेल से साफ पता चलता है कि कंपनी को इस बात का अंदाजा था कि पैसा जोनाथन और डेन एटेटे को दिया जा रहा है.

ओपील245 ऑयल ब्लॉक का आंवटन पिछले दो दशकों से विवाद का विषय बना हुआ है. जिसमें अब अदालत एनी के प्रमुख कार्यकारी क्लाडियो डिसक्लाउजी, पूर्व कार्यकारी पाओलो स्कारोनी समेत 11 अन्य लोगों पर तेल लाइसेंस सुरक्षित करने के लिए कथित रूप से रिश्वत देने का मामला चलाएगी. ट्रायल 5 मार्च 2018 से शुरू होगा. अभियोजन पक्ष का दावा है कि दोनों कंपनियों ने तेल ब्लॉक हासिल करने के लिए नाइजीरियाई सरकार के खाते में 1.1 अरब डॉलर का भुगतान किया है. लेकिन आधिकारिक रूप से माना जाता है कि नाइजीरियाई सरकार को इस सौदे में महज 21.0 करोड़ डॉलर ही मिले हैं.

सबसे बड़ा मामला

नाइजीरिया में ऊर्जा संसाधनों जैसे क्षेत्रों में घोटालों के मामले पिछले सालों में आते रहे हैं, लेकिन किसी तेल कंपनी के प्रमुख कार्यकारी पर भ्रष्टाचार के आरोपों का यह पहला मामला है. पेट्रोलियम कंपनी शेल ने अपने बयान में अदालत के इस आदेश पर निराशा जताई है. कंपनी ने कहा है कि यह जल्द साबित हो जाएगा कि शेल के खिलाफ लगे सारे आरोप बेबुनियाद है. दोनों कंपनियां नाइजीरिया में भी आपराधिक आरोपों का सामना कर रहीं है. यूरोप में नीदरलैंड्स के जांचकर्ताओं ने साल 2016 में शेल के दफ्तर की जांच भी की थी. भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई का वादा करने वाले नाइजीरिया के राष्ट्रपति मुहमदु बुहारी ने कहा कि इस घोटाले ने आम लोगों की जेबों से पैसा चुराया है. भ्रष्टाचार के खिलाफ काम करने वाली संस्थाओं का मानना है कि अगर ये आरोप साबित होते हैं तो यह दुनिया में भ्रष्टाचार का सबसे बड़ा मामला होगा. 

 

एए/ओएसजे (एएफपी)