1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें
कानून और न्याय

"आरुषि को न्याय फिर भी नहीं मिला"

शोभा शमी
१२ अक्टूबर २०१७

आरुषि हत्याकांड में तलवार दंपति को बरी कर दिया गया है. लेकिन इस फैसले को लेकर ट्विटर पर बड़ी सख्त प्रतिक्रियाएं आ रही हैं. लोगों ने सवाल किया है कि यह कैसा कानून है देश का! पढ़िए इस मसले पर लोगों की राय.

https://p.dw.com/p/2lhsj
Indien Neu Delhi Gedenken an Mordfall Aarushi Talwar
तस्वीर: Imago/Hindustan Times

लगभग 9 साल बाद आरुषि और हेमराज के कत्ल के मामले में इलाहबाद हाईकोर्ट ने तलवार दंपति को बरी कर दिया है. कोर्ट का फैसला गाजियाबाद के डासला जेल में पहुंच गया तो कल दोनों पति पत्नी जेल से बाहर भी आ जाएंगे. लेकिन इस फैसले पर ट्विटर पर लोगों का गुस्सा साफ दिख रहा है. लोगों  ने सीबीआई, देश की न्याय व्यवस्था और मीडिया के रोल पर बड़े तीखे सवाल किए हैं.

मोनिका अग्रवाल ने लिखा कि आज इलाहबाद हाईकोर्ट ने तलवार दंपति को हत्या के आरोप से मुक्त किया. CBI की गलती ने उनका जीवन वर्बाद किया.

अंशुमन ने ट्वीट किया.. तो क्या किसी ने आरुषि को नहीं मारा?

राकेश ने लिखा कि आरुषि के माता पिता रिहा हो गये हैं, लेकिन उसे तब तक न्याय नहीं मिलेगा, जब तक असली कातिल नहीं पकड़े जाते.

स्मिता ने ट्विटर पर हमारी न्याय व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए लिखा कि आरुषि हत्याकांड में 9 साल लगे यह पता करने के लिए कि कौन मासूम है. तो कातिल का पता करने के लिए क्या और 9 साल का इंतजार करना पड़ेगा.

सैयद ने लिखा कि तलवार दंपति ने जो लंबा समय जेल में बिताया उसका जिम्मेदार कौन है? सीबीआई को इसका जवाब देना होगा.

जिवेश ने लिखा कि आरुषि हत्याकांड पर आया फैसला दिखाता है कि मीडिया हमारे सोचने के तरीके, हमारे फैसलों पर मिडिया कितनी अहम भूमिका निभाता है. जो हम देखते हैं, हम उसे सच मानकर यकीन कर लेते हैं.

एक अन्य यूजर ने लिखा कि दो लोगों की जिन्दगी के 9 साल बर्बाद हुए. आरुषि को न्याय फिर भी नहीं मिला. न्याय व्यवस्था को बदलना जरूरी है.