आमिर ने कॉपीराइट कमेटी से इस्तीफ़ा दिया
१७ फ़रवरी २०१०आमिर ने कॉपीराइट एक्ट में संशोधन को लेकर बनाई सरकार की समिति से इस्तीफ़ा देते हुए केंद्रीय मानव संसाधन एवं विकास मंत्री कपिल सिब्बल को इस्तीफ़ा भेजा है. सिब्बल को भेजे ख़त में आमिर ने कहा है, ''मैं आपका शुक्रगुज़ार हूं कि आपने मुझे कॉपीराइट सुधार संबंधी इस समिति में शामिल करने का न्योता दिया. लेकिन मेरे ऊपर जिस तरह सार्वजनिक हमले हो रहे हैं, उसके बाद मैं इस कमेटी का सदस्य बने रहने में असहज महसूस कर रहा हूं.''
यह समिति कॉपीराइट एक्ट 1957 में सुधार के संबंध में सुझाव देने के लिए बनाई गई है. इसमें आमिर के अलावा जावेद अख़्तर, मुकेश भट्ट और लेखक अंजुम भी हैं. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक़ गानों की रॉयल्टी (किसी चीज़ के एवज़ में निरंतर मिलने वाला पैसा) के मसले पर आमिर लेखकों से ज़्यादा अभिनेता का हक़ जता रहे थे. आरोपों के मुताबिक़ आमिर का कहना है कि गाने की लोकप्रियता अभिनेताओं की वजह से तय होती है. मीडिया की ख़बरों के मुताबिक़ गीतकार जावेद अख़्तर आमिर के इस रुख़ से नाराज़ हैं. जावेद अख़्तर का कहना है कि 'पापा कहते हैं' जैसा गाना तब हिट हुआ था, जब आमिर बड़े स्टार नहीं थे.
इसका जवाब देते हुए आमिर का कहना है, '' अगर मैं पैसे के पीछे भागता तो मैं मैनस्ट्रीम को तोड़ते हुए लगान, तारे ज़मीं पर और पीपली लाइव जैसी फ़िल्में नहीं बनाता. ज़्यादातर प्रोड्यूसर ऐसी फ़िल्में करने से हिचकते हैं.''
इंडस्ट्री में कई सालों से जमे मशहूर नामों से अब आमिर का सीधा टकराव हो रहा है. जावेद अख़्तर इनमें से एक हैं. कहा जाता है कि जावेद भी आमिर से नाराज़ रहते हैं कि क्योंकि आमिर अपनी फ़िल्मों के लिए अन्य लेखकों से गाने लिखवाते हैं. बहरहाल लोकप्रियता के मसले पर जावेद अख़्तर को जवाब देते हुए अब आमिर ने कहा है, ''मुझे लगता है कि मुझे मेरे साथियों और दर्शकों से भरपूर प्यार और सम्मान मिला है. यह मुझे मेरे काम और पेशेवर अंदाज़ के ज़रिए मिला है. इसीलिए अब सार्वजनिक रूप से हो रहे हमले मुझे भावनात्मक रूप से आहत करते हैं और लाचार बना छोड़ते हैं.''
रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह
संपादन: ए कुमार