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क्रिप्टोकरेंसी में क्यों जगी है इतनी दिलचस्पी

१७ अगस्त २०१७

अब तक जिन देशों के पास तेल और डॉलर जैसी विदेश मुद्रा के बड़े भंडार होते, वे अमीर माने जाते. लेकिन अब आभासी मुद्रा की 'क्रिप्टोमाइनिंग' तकनीक से पूरे वैश्विक क्रम को चुनौती मिल सकती है. रूस इसमें खूब दिलचस्पी दिखा रहा है.

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Symbolbild Putin als Urheber von Desinformationen nicht klar beweisbar
रूस में जल्द ही आभासी मुद्राओं को कानूनी दायरे में लाया जाना है. राष्ट्रपति पुतिन दिखा रहे हैं दिलचस्पी. तस्वीर: picture alliance/dpa/U. Baumgarten

रूस के अग्रणी क्रिप्टो-उद्योगपतियों में से एक 42 वर्षीय दिमित्री मरिनिचेव कहते हैं, "जिस तरह की मुद्रा के हम आदी हैं वो गायब होने वाली है." मरिनिचेव इंटरनेट मामलों पर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सलाहकार भी हैं. राजधानी मॉस्को के पास एक फुटबॉल के मैदान से भी बड़े दफ्तर में अपने क्रिप्टोमाइनिंग के ऑपरेशन में मरिनिचेव अपनी कंपनी के ग्राहकों के अकाउंट से लगातार वर्चुअल मुद्रा की माइनिंग करवाते हैं.

क्रिप्टोमाइनिंग, आभासी मुद्रा के लेन देन से जुड़ा शब्द है. इन आभासी मुद्राओं का लेन देन किसी भी देश के केंद्रीय बैंकों के दायरे से बाहर होता है. ऐसी डिजिटल मुद्रा को क्रिप्टोकरेंसी इसलिए कहते हैं क्योंकि इसमें इनक्रिप्शन यानि छुपे हुए डिजिटल कोड की मदद से जारी की जाने वाले मुद्रा की इकाइयों, प्रामाणिकता और लेन देन का हिसाब रखा जाता है.

"डिजिटल सोना” बिटकॉइन

कई अरब डॉलर की आभासी मुद्रा 'बिटकॉइन' इस समय बाजार में है. डिजिटल सोना कहलाने वाली विश्व में सबसे ज्यादा लोकप्रिय आभासी मुद्रा बिटकॉइन के लिए सबसे पहले ब्लॉकचेन तकनीक आयी. अब इसी तकनीक के इस्तेमाल से कमाई के कई नये तरीके भी इजाद कर लिये गये हैं. यानि लोगों को कमाई का एक और साधन मिल गया है.

Bitcoin-Kurs bricht nach Hack gegen Tauschbörse Bitfinex ein
तस्वीर: Reuters/B. Tessier

इसके लोकप्रिय होने की एक और वजह यह है कि ब्लॉकचेन का इस्तेमाल करना बहुत आसान है. जिस किसी के भी कंप्यूटर में ब्लॉकचेन सॉफ्टवेयर पर काम करने भर की कंप्यूटिंग शक्ति हो, वह क्रिप्टोमाइनिंग कर सकता है. इसकी बढ़ती लोकप्रियता का कारण बताते हुए मरिनिचेव कहते हैं कि "कंप्यूटर के बारे में बहुत कम जानने वाले भी इसे इस्तेमाल कर सकते हैं."

ब्लॉकचेन तकनीक से कमाई

विश्व भर में आभासी मुद्राओं के लेन देन का पूरा ब्यौरा ब्लॉकचेन सॉफ्टवेयर में दर्ज होता है. दर्ज हुई इस जानकारी को मुहैया कराने के बदले में 'क्रिप्टोमाइनर्स' इसका भुगतान भी बिटकॉइन जैसी किसी वर्चुअल करेंसी में ही लेते हैं. इस प्रक्रिया को बिटकॉइन की दुनिया में "माइनिंग" कहते हैं. माइनिंग करने वाले एक 29 साल के युवा सर्गेई कहते हैं, "वर्चुअल करेंसी के मूल्य में आयी तेजी के कारण माइनिंग इतनी फायदेमंद हो गयी है कि इसे कोई अपना पेशा भी बना सकता है."

Blockchain: Security for online trade

एक इलेक्ट्रिक ग्रिड कंपनी में काम करने वाले सर्गेई खुद अपने कंप्यूटर में आधा दर्जन ग्राफिक कार्ड लगाकर काम करते हैं. रूस में इसकी बढ़ती लोकप्रियता का आलम कुछ ऐसा है कि कंप्यूटर की दुकानों में ग्राफिक्स और वीडियो कार्ड के स्टॉक खत्म हो गये हैं. इन कार्डों का इस्तेमाल पहले केवल वीडियो गेम बनाने या खेलने वाले किया करते थे. लेकिन उसके बाद बिटकॉइन माइनर्स के काम आने के कारण इन कार्डों की मांग इतनी बढ़ी कि अब दुकानों पर इनका मिलना मुश्किल हो गया है. माइनर्स इस कार्ड से अपने निजी कंप्यूटरों की प्रोसेसिंग शक्ति को बढ़ाते हैं.

माइनिंग के लिए खुद को बदलता रूस

रूस में अचानक ऐसे माइनिंग फार्मों में काफी दिलचस्पी जगी है. अब इंटरनेट पर कई तरह के सामान और सेवाएं खरीदने के लिए देश में इनका इस्तेमाल बढ़ा है. मॉस्को के कई कैफे और रेस्तरां वर्चुअल करेंसी में भी भुगतान लेने लगे हैं. ऐसी आभासी करेंसी को पहले रूसी सरकार या सेंट्रल बैंक का समर्थन नहीं था. देश के बड़े बड़े बैंकों ने पिछले साल कुछ मामलों में मुद्रा के लेन देन में इसका परीक्षण भी किया. सेंट्रल बैंक एक "राष्ट्रीय आभासी मुद्रा" बनाने पर भी विचार कर सकता है. आने वाले महीनों में रूस में एक नये कानून के प्रस्ताव पर भी बहस होनी है, जिसका लक्ष्य देश में क्रिप्टोकरेंसी का उत्पादन और संरक्षण करना होगा.

कंप्यूटर में क्रिप्टोमाइनिंग करने में बिजली बहुत खर्च होती है. लेकिन रूस में अब भी बिजली काफी सस्ती होने के कारण वहां क्रिप्टोमाइनिंग को काफी बढ़ावा मिल सकता है. रूस में एक किलोवॉट घंटा बिजली के लिए केवल 1.3 अमेरिकी सेंट लगते हैं. इसके अलावा वहां साल के कई महीने जाड़े का मौसम होने के कारण कंप्यूटिंग में लगी इन भारी मशीनों को ठंडा रखने में भी सालाना कम ही बिजली खर्च होती है.

आभासी मुद्राओं का चढ़ता भाव

एक साल में ही बिटकॉइन और उसकी प्रमुख प्रतिद्वंद्वी मुद्रा एथीरियम का मूल्य करेंसी एक्सचेंज की दुनिया में काफी ऊपर उठ गया था. एथीरियम को 23 साल के एक रूसी-कनाडाई व्यक्ति वितालिक बुटेरिन ने बनाया है, जिससे हाल ही में राष्ट्रपति पुतिन ने मुलाकात भी की है.

2017 की शुरुआत से बिटकॉइन का मूल्य चार गुना से अधिक बढ़ कर 4,000 डॉलर से ऊपर है. वहीं एथीरियम का मूल्य भी इस साल जून में 374 डॉलर तक पहुंच गया था. लेकिन इससे इनकार नहीं किया जा सकता कि डॉलर और तेल के मुकाबले अभी भी वैश्विक क्रिप्टोकरेंसी का बाजार काफी नया और अस्थिरता से भरा है. फिर भी इसने अमीर बनने के लिए रूस समेत विश्व भर को एक नयी मुद्रा कमाने का रास्ता तो दिखा ही दिया है.

आरपी/एनआर (एएफपी)