आत्मसमर्पण करो या भूखे मरो
५ मार्च २०१४संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद ने कहा है कि कई सीरियाई इस्लामी विद्रोही गुटों ने योजनाबद्ध तरीके से नागरिकों को बंधक बनाया और उन पर अत्याचार किया. यूएन के मुताबिक विद्रोहियों ने मानवता के खिलाफ अपराध अल रक्का प्रांत में कुर्द मूल के लोगों के खिलाफ किया. संयुक्त राष्ट्र के जांचकर्ताओं को सीरिया में जाने की इजाजत नहीं मिली थी, लेकिन उनका कहना है कि इंटरव्यू और अन्य सूत्रों से मिले सबूत इस ओर इशारा करते हैं कि अल कायदा के इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड लेवांट (आईएसआईएल), अल नुसरा फ्रंट, इस्लामिक अहरार अल शाम और शाहिद वलीद अल सुखनी बटालियन हिरासत और यातना केंद्र चला रहे हैं.
कमिशन के मुताबिक, "जिन गैर सरकारी सशस्त्र समूहों का जिक्र ऊपर किया गया है उनके नियंत्रण वाले इलाके में नागरिक आबादी के खिलाफ किए कृत्य प्रताड़ना और अमानवीय व्यवहार युद्ध अपराध के तहत आते हैं. और अल रक्का के संदर्भ में मानवता के खिलाफ अपराध का मामला बनता है."
इससे पहले तक संयुक्त राष्ट्र सिर्फ सरकार पर मानवता के खिलाफ अपराध का आरोप लगाता आया है. पिछले गुरुवार को आई रिपोर्ट में सरकारी सेना पर आरोप लगाए गए हैं. हालांकि, रिपोर्ट में कहा गया है कि सेना और उससे संबंध रखने वाली मिलिशिया व्यवस्थित तरीके से हत्या, बलात्कार, यातना और जबरन भगाने के काम जारी रखे हुए हैं.
संस्था ने कहा कि सरकारी सेना नागरिकों के खिलाफ घेराबंदी युद्ध और भूखा मारने की रणनीति का इस्तेमाल कर रही है. संस्था का कहना है कि बहुत से लोगों को "मानवीय सहायता देने से इनकार किया गया, खाना और मेडिकल देखभाल जैसी मूलभूत आवश्यकताओं और भुखमरी के बीच चयन करना पड़ रहा है." उसने सरकार पर "आत्मसमर्पण नहीं करने तक भुखमरी अभियान" चलाने का आरोप लगाया.
कमिशन ने राजधानी दमिश्क के बाहरी गावों में चल रहे कई शरणार्थी शिविरों की स्थिति पर भी प्रकाश डाला है. सीरिया में संघर्ष के दौरान में एक लाख से ज्यादा लोगों के मारे जाने के लिए रिपोर्ट में अंतरराष्ट्रीय समुदाय की निष्क्रियता को दोषी ठहराया गया है. कमिशन के अध्यक्ष ब्राजील के पाउलो सर्जियो पिनह्यिरो ने कहा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्य ब्रिटेन, चीन, फ्रांस, रूस और अमेरिका सीरिया द्वारा 'गंभीर उल्लंघन' के मामले में कार्रवाई करने में विफल रहे जो अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को खतरे में डालता है. रूस और चीन सीरिया सरकार के मुख्य समर्थकों में से हैं.
एए/ओएसजे (एपी, एएफपी, रॉयटर्स, डीपीए)