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आतंकी संगठनों के ठिकाने से पाकिस्तान का इनकार

५ सितम्बर २०१७

ब्रिक्स सम्मेलन में पाकिस्तान की जमीन से संचालित होने वाले आतंकवादी संगठनों पर दिये बयान को पाकिस्तान ने खारिज किया है. इसी बीच पाकिस्तान में आतंकवाद से लड़ाई पर नीति बनाने के लिए पाकिस्तानी राजनयिकों की बैठक हो रही है.

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Hafiz Mohammad Saeed
तस्वीर: AP

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने कहा है कि उनके देश में कोई आतंकवादी संगठन मुक्त रूप से सक्रिय नहीं है. सोमवार को ब्राजील, रूस, चीन, भारत और दक्षिण अफ्रीका के संगठन ब्रिक्स ने पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठनों के बारे में बयान दिया था. पाकिस्तानी रक्षा मंत्री खुर्रम दस्तगीर खान ने एक पाकिस्तानी टीवी चैनल से बातचीत में कहा, "इन संगठनों के कुछ अवशेष पाकिस्तान में हैं जिन्हें हम साफ कर रहे हैं. लेकिन हम इसे खासतौर से खारिज करते हैं, किसी आतंकवादी संगठन को पाकिस्तान में सुरक्षित पनाह नहीं है." हालांकि पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ने किसी संगठन का नाम नहीं लिया.

ब्रिक्स के सम्मेलन में जिन संगठनों का नाम लिया गया उसमें जैश ए मोहम्मद और लश्कर ए तैयबा जैसे भारत विरोधी संगठन भी हैं. जैश ए मोहम्मद को 2001 में भारत की संसद पर हमले के लिए जिम्मेदार माना जाता है, जबकि लश्कर ए तैयबा पर भारत की जमीन पर हमलों की योजना बनाने और उसे अंजाम देने के आरोप हैं. इन हमलों में 2008 का मुंबई हमला भी शामिल है जिसमें 166 लोग मारे गये थे.

Khurram Dastgir Khan
तस्वीर: Aureliusz Marek Pędziwol

ब्रिक्स में जिस एक और संगठन का नाम लिया गया वह हक्कानी नेटवर्क है जो अफगान तालिबान के साथ मिल कर अफगानिस्तान में अमेरिका और दूसरे देशों के समर्थन वाली सरकार के खिलाफ युद्ध कर रहा है. अमेरिका ने भी पाकिस्तान को चेतावनी दी है कि वह अपनी सीमा में हक्कानी नेटवर्क की गतिविधियों और सुरक्षित ठिकानों के खिलाफ और ज्यादा कार्रवाई करे, वरना उसकी सैन्य मदद रोकी जा सकती है.

चीन भी अपने देश में इस्लामी आतंकवाद के बढ़ते असर से चिंतित है. चीन के सुदूर पश्चिमी शिनजियांग इलाके में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम दे रहे लोगों का संबंध भी पाकिस्तान और अफगानिस्तान के चरमपंथी संगठनों से बताया जाता है. दिसंबर में अफगानिस्तान में स्थिरता पर चर्चा के लिए जमा हुए देशों ने भी कुछ इसी तरह के बयान दिये थे और पाकिस्तान स्थित कई संगठनों को चिंता की वजह बताया था.

पाकिस्तान पहले से ही आतंकवादी संगठनों के सुरक्षित पनाह के आरोपों को सख्त लहजे में खारिज करता आया है. हालांकि इसके बावजूद उसे कुछ चिंता हुई है, इसके संकेत मिल रहे हैं. पाकिस्तान ने दुनिया भर में तैनात अपने राजदूतों की एक बैठक बुलायी है जिसमें आतंकवादियों से लड़ने के लिए नई नीति पर चर्चा हो रही है. यह बैठक अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के पाकिस्तान को आतंकवाद के मसले पर खरी खरी सुनाने के कुछ ही हफ्तों बाद हो रही है. मंगलवार से तीन दिनों का सम्मेलन शुरू हुआ.

इसी बीच ब्रिक्स का बयान भी आ गया. इससे पहले चीन जैश ए मोहम्मद के नेता मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के आतंकवादियों की सूची में डालने की कोशिश को दो बार नाकाम कर चुका है.

एनआर/एके (एपी, रॉयटर्स)