आतंकवाद फैलाने वाले मौलवी को मौत की सजा
२२ जून २०१८कट्टरपंथी मौलवी अमन अब्दुर्रहमान को इंडोनेशिया में हुए कई आतंकवादी हमलों का मुख्य साजिशकर्ता माना गया. सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने कहा कि 2016 और 2017 में देश में हुए कई आतंकी हमलों के पीछे अब्दुर्रहमान का हाथ था. उसने इस्लामिक स्टेट के प्रति सहानुभूति रखने वाले आतंकी गुटों को हमलों का आदेश दिया.
अभियोजन पक्ष के सबूतों को ठोस करार देते हुए पांच जजों की बेंच की अगुवाई कर रहे अहमद जाइनी ने कहा, अभियुक्त के "भाषणों, शिक्षाओं और आदेशों ने उसके गुटों और अनुयायियों को इंडोनेशिया में आतंकवाद के आपराधिक कृत्य करने के लिए प्रेरित किया." आतंकी हमलों में मारे गए बच्चों का जिक्र करते हुए अदालत ने कहा कि इस मामले में रहम की कोई गुंजाइश नहीं है. कोर्ट ने बचाव पक्ष के वकीलों को अपील करने के लिए सात दिन का वक्त दिया है.
जांच एजेंसियों के मुताबिक अब्दुर्रहमान के निर्देशों पर ही राजधानी जकार्ता में एक स्टारबक्स और एक बस टर्मिनल पर हमला किया गया. कालीमंतन के चर्च पर हुए हमले के पीछे भी अब्दुर्रहमान की भूमिका सामने आई. चर्च हमले में दो साल की एक बच्ची मारी गई और कई बच्चे बुरी तरह झुलस गए.
सुनवाई के दौरान अब्दुर्रहमान ने अदालत का अधिकार स्वीकार करने से इनकार कर दिया. उसने कहा कि वह इंडोनेशिया की पंथनिरपेक्ष सरकार को नहीं मानता और देश में शरिया कानून चाहता है.
मई 2017 में अर्धसैनिक बलों और आतंकवादरोधी पुलिस ने इंडोनेशिया के दूसरे बड़े शहर सुराबाया से एक परिवार को गिरफ्तार किया. जांच में पता चला कि बच्चों समेत परिवार के सभी सदस्य आतंकवादी गतिविधियों में शामिल हैं. इस परिवार के तार भी अब्दुर्रहमान से जुड़े. अभियोजन पक्ष के मुताबिक परिवार जेल में बंद अब्दुर्रहमान के आदेश मान रहा था. 2016 और 2017 में हुए कई हमले उन्हीं निर्देशों का नतीजा थे.
जकार्ता में सेंटर फॉर रेडिकलाइजेशन एंड डी-रेडिकलाइजेशन स्टडीज के समीक्षक आद्धे भक्ति के मुताबिक बड़ी समस्या जेलों के भीतर दी जा रही कट्टरपंथ की शिक्षा है. खचाखच भरी जेल में अब्दुर्रहमान ने दूसरे कैदियों को भड़काया और आतंकियों का नेटवर्क तैयार किया. जेल में उनसे मिलने आने वाले लोग भी बाहर नेटवर्क तैयार करते गए. अब्दुर्रहमान ने विजिटरों और वीडियो कॉल्स के जरिए कट्टरपंथ फैलाने में कोई कसर नहीं छोड़ी.
अब्दुर्रहमान को मौत की सजा सुनाए जाने के बाद इंडोनेशिया में सुरक्षा बढ़ा दी गई है. भक्ति को लगता है कि आतंकी गुट सजा का बदला लेने के लिए हमले कर सकते हैं.
दुनिया में सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी वाला देश इंडोनेशिया बीते दो दशकों से कट्टरपंथ से जूझ रहा है. 2002 में बाली के एक नाइटक्लब में बम धमाका हुआ था, जिसमें 202 लोग मारे गए. मृतकों में ज्यादा विदेशी पर्यटक थे. हमला जेमाह इस्लामिया ने किया. उस हमले के बाद सुरक्षा बलों ने अल कायदा से जुड़े जेमाह इस्लामिया के खिलाफ सख्त अभियान चलाया. बड़ी संख्या में संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया. लेकिन इसके बाद इस्लामिक स्टेट के समर्थकों की बाढ़ आ गई. इंडोनेशिया से कई युवा सीरिया और इराक गए. वहां उन्होंने इस्लामिक स्टेट के लिए लड़ाई लड़ी. कई बाद में वापस इंडोनेशिया लौट आए.
(शोध संस्थान इप्सोस हर महीने सर्वे करता है कि किस मुल्क के लोग किस बात को लेकर चिंतित हैं. नवंबर 2016 में कितने लोगों ने आतंकवाद को सबसे ज्यादा चिंता की बात बताया, उसके आधार पर देखिए कि किस देश में लोग आतंकवाद से डरे हैं.)
ओएसजे/एमजे (एपी, एएफपी)