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आज पहली उड़ान भरेगा एयरबस A400M

११ दिसम्बर २००९

एयरबस कंपनी का सबसे आधुनिक सैन्य परिवहन विमान A400M आज पहली टेस्ट उड़ान भरेगा. 2,000 करोड़ यूरो के ख़र्चे से तैयार हुए इस विमान को ख़रीदने की होड़ पहले ही लगी हुई है. टर्बो इंजन वाले इस विमान में कई ख़ूबियां हैं.

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780 किमी प्रति घंटा रफ़्तार, 37 टन वज़न ढोएगातस्वीर: AP

लंबे समय से जिस विमान का इंतज़ार कई देशों की सेनाएं कर रही थी वह शुक्रवार को स्पेन में अपनी पहली परीक्षण उड़ान भरेगा. यह विशेष सैन्य परिवहन विमान भारतीय समय के मुताबिक शाम 4.30 बजे टेक ऑफ करेगा. यूरोप के सात देशों ने विमान बनाने वाली कंपनी एयरबस को A400M बनाने का ऑर्डर दिया था. इनमें जर्मनी, स्पेन, फ्रांस, ब्रिटेन, तुर्की, बेल्ज़ियम और लक्ज़मबर्ग शामिल हैं.

Airbus A400M
तस्वीर: AP

हवाई परिवहन के लिहाज़ से इस विमान को मील का नया पत्थर माना जा रहा है. यह विमान 780 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ़्तार से उड़ते हुए 37 टन वजन ढो सकता है. A400M कई अन्य ख़ूबियों से भी लैस है. यह विमान 37,000 फुट की असीम ऊंचाई पर उड़ सकता है. 45 मीटर लंबे इस विमान के पंखों के फैलाव का दायरा 43 मीटर है. पंख कार्बन फ़ाइबर के बने हैं जिसकी वजह से 20 फ़ीसदी तेल की भी बचत होगी.

विमान इस ढंग से बनाया गया है कि यह आपात स्थिति में उबड़ ख़ाबड़ मैदान या ख़राब रनवे पर उतर सके. एक बड़ी ख़ासियत यह भी है कि इतना बड़ा होने के बावजूद A400M छोटे से रनवे से काम चला लेगा.

विमान में टर्बो इंजन लगे हैं जिसकी वजह से उड़ान के दौरान ही इससे सामान और सैनिकों को उतारा जा सकेगा, ज़रूरत पड़ने पर हवा में ही तेल भी भरा जाएगा. विमानों में अक्सर दो तरह के इंजन लगे होते हैं, एक टर्बो और दूसरा टरबाइन इंजन. टर्बो इंजन में ब्लेड बाहर हवा में घूमती है जबकि टरबाइन इंजन बाहर से दिखाई नहीं पड़ता.

टरबाइन अपनी तरफ इंजन बेहद तेज़ी से हवा को खींचता हैं जिस वजह से इंजन स्टार्ट होने के बाद उसके आस पास किसी भी चीज़ का बने रहना मुश्किल हो जाता है. यही कारण है कि टरबाइन इंजन वाले विमानों से न तो उड़ान के दौरान सामान उतारा जा सकता है और न ही सेना को. एयरबस का कहना है कि A400M इस समस्या को ख़त्म कर देगा.

हालांकि एयरबस पहले ही स्वीकार कर चुका है कि 9 साल और 2,000 करोड़ यूरो ख़र्च करने के बाद अब जाकर यह विमान उड़ान भरने के लिए तैयार हो सका है. परीक्षण के दौरान बीच-बीच में कई कमियां सामने आईं. टर्बो इंजन की वजह से ख़ासी मुश्किलें हुई और देर भी. लेकिन अब इसे बनाने की योजना में शामिल सात देशों ने 180 विमानों को ऑर्डर भी दिया है. जर्मनी ने 60 विमानों का ऑर्डर दिया है. रॉयल एयरफोर्स ब्रिटेन ने भी अपने C30 हरक्यूलिस विमानों की रिटायर करके A400M को बेड़े में शामिल करने का फ़ैसला किया है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह

संपादन: एस गौड़