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आखिरकार निपट गया बंदर की सेल्फी का विवाद

१२ सितम्बर २०१७

जंगल में बंदर सेल्फी ले तो उसका कॉपीराइट किसके पास होगा? ऐसे ही एक मामले में पेटा के कार्यकर्ता और वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर डैविड डे स्लेटर के बीच सहमति हुई है और बंदर की खींची एक सेल्फी की कानूनी लड़ाई अंतत: निपट गयी है.

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Indonesien | Affen Selfie - PETA-Gerichtsprozess gegen David Slater
तस्वीर: D. Slater/Court exhibit provided by PETA via AP

वन्य जीवों के संरक्षण के लिए काम करने वाली संस्था पेटा और स्टेलर के वकीलों ने सैन फ्रैंसिस्को स्थित कोर्ट को मामला खारिज करने के लिए कहा और बताया कि उन्होंने इस मामले को आपसी सहमति से सुलझा लिया है.

दरअसल 2011 में वाइल्ड फोटोग्राफर डेविड स्लेटर इंडोनेशिया के जंगलों में थे. वहां मकॉक प्रजाति के नारूतो नाम के एक बंदर ने उनका कैमरा छीन लिया. कमाल की बात यह हुई कि नारूतो ने स्लेटर के कैमरे से कुछ सेल्फी खींच लीं. बाद में ये सेल्फी इंटरनेट पर छा गयीं. सोशल मीडिया पर भी सैकड़ों लोग इसे शेयर करते दिखे.

बाद में इन्हीं तस्वीरों पर कॉपीराइट को लेकर विवाद हुआ. तस्वीर खींचने के दो साल बाद पेटा के कार्यकर्ता ने स्लेटर पर इस बात को लेकर मुकदमा दायर किया कि उन्हें बंदर के किये काम से पैसा कमाने का कोई अधिकार नहीं है. इस मुकदमें मे कहा गया था कि नारुतो को कॉपीराइट से लाभ का अधिकार है.

इस मामले में दायर की गई पेटा की याचिका को रद्द कर दिया गया लेकिन स्लेटर भविष्य में इस तस्वीर से होने वाली कमाई का 25 प्रतिशत दान करने के लिए तैयार हो गये हैं.

बीबीसी के अनुसार इस मामले पर वकील जेफ कर्र ने कहा कि पेटा के इस मुकदमे के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पशुओं के अधिकारों को लेकर चर्चा हुई. वहीं स्लेटर का कहना था कि उन्होंने भी काफी मेहनत की थी और यह तस्वीर पर उनके कॉपीराइट के दावे के लिए काफी थी.

एसएस/एके (डीपीए, एपी)