अमेरिकी सामानों पर चीन ने किया नए टैक्स का एलान
४ अप्रैल २०१८अमेरिका से चीन आने वाले सोयाबीन, हवाई जहाज, कार, व्हिस्की और रसायनों पर चीन ने नया कर लगाने का एलान किया है. ताजा फैसले में चीन ने 106 चीजों पर 25 फीसदी अतिरिक्त कर लगाने का फैसला किया है. चीन के वाणिज्य और वित्त मंत्रालय का कहना है कि इससे अमेरिका के चीनी सामानों पर 50 अरब का टैक्स लगाने के लक्ष्य की बराबरी हो जाएगी. इन करों के लागू होने की तारीख अमेरिकी फैसलों को ध्यान में रख कर तय की जाएगी.
चीन के इस एलान के बाद अंतरराष्ट्रीय कमोडिटी और शेयर बाजारों में बिकवाली का दौर तेज हो गया. अमेरिकी स्टॉक फ्यूचर में 1.5 फीसदी की गिरावट देखी गई. चीन का युआन भी नीचे गया.
चीन ने कारोबारी युद्ध में जो कदम उठाया है उसकी आशंका पहले से ही जताई जा रही थी लेकिन यह इतना जल्दी हो जाएगा इसकी उम्मीद नहीं की जा रही थी. चीन और अमेरिका की इस खींचतान ने यह डर पैदा कर दिया है कि अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को इससे धक्का पहुंचेगा. इससे पहले अमेरिका ने भी इसी तरह से नए शुल्कों का एलान किया. अमेरिकी सरकार ने चीन के करीब 1300 औद्योगिक, परिवहन और मेडिकल सामानों पर 25 फीसदी अतिरिक्त कर लगा दिया है. इसमें एलईडी से लेकर रसायन और मशीनों के पुर्जे तक शामिल हैं.
अमेरिका ने पिछले महीने ही इस बारे में कदम उठाने शुरू कर दिए थे. अमेरिका का कहना है कि वह अमेरिकी बौद्धिक संपदा अधिकारों की चोरी और अमेरिकी कंपनियों से चीन की प्रतिद्वंद्वी कंपनियों को जबरन टेक्नोलॉजी ट्रांसफर की घटनाओं से बेहद चिंतित है. इसी को रोकने के लिहाज से यह कदम उठाए गए हैं. हालांकि चीन इन आरोपों से पूरी तरह इनकार करता है. चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग का कहना है कि चीन ने कारोबारी विवाद को बातचीत के जरिए सुलझाने के लिए गंभीरता दिखाई है. उन्होंने बुधवार को नियमित ब्रीफिंग के दौरान कहा, "हालांकि बातचीत और मोलतोल के जरिए विवाद सुलझाने की कोशिश को अमेरिकी पक्ष लगातार अनदेखा कर रहा है."
अमेरिकी कारोबारी प्रतिनिधि रॉबर्ट लाइटहाइजर के दफ्तर से मिली जानकारी से पता चलता है कि चीन ने बीते महीने ट्रंप के लगाए प्रतिबंध का मुकालबा करने के लिए फल, ड्राइफ्रूट, पोर्क, और वाइन पर टैक्स लगाया है जो करीब 3 अरब अमेरिकी डॉलर का होगा. अमेरिकी सूची छपते ही पूरी दुनिया में इसे लेकर सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं आ रही हैं. माना जा रहा है कि इसके लिए बातचीत करीब 2 महीने चलेगी. एप्पल के फोन और डेल के लैपटॉप को फिलहाल इस सूची से बाहर रखा गया है.
कई अमेरिकी कारोबारी समूहों ने इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी की चोरी रोकने के लिए ट्रंप की कोशिशों की सराहना की है हालांकि उन्होंने यह सवाल भी उठाया है कि क्या टैक्स बढ़ाना सही उपाय है. उन्होंने चेतावनी दी है कि चीनी सामानों की सप्लाई चेन में बाधा पड़ने से आखिरकार ग्राहकों को महंगा सामान खरीदने पर विवश होना पडे़गा.
एनआर/एमजे (एपी)