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अमेरिकी विदाई की योजना तैयार

१५ नवम्बर २०१०

अफगानिस्तान के सुरक्षा बलों को जिम्मेदारी सौंपने का काम जुलाई 2014 में शुरू होगा और अमेरिकी फौज उसी साल के आखिर तक अफगानिस्तान को पूरी तरह विदा कह देगी. अमेरिकी दूत रिचर्ड होलब्रुक के मुताबिक योजना तैयार हो चुकी है.

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प्लान तैयार हैः होलब्रुकतस्वीर: picture-alliance/ dpa

अफगानिस्तान और पाकिस्तान में अमेरिका के विशेष दूत होलब्रुक ने रेडियो पाकिस्तान की एक परिचर्चा में रविवार को कहा कि अमेरिकी फौजों को वापस बुलाने का मतलब उसे त्याग देना नहीं बल्कि परिवर्तन है. पाकिस्तान रेडियो के मुताबिक हॉलब्रुक ने कहा, "हम अफगानिस्तान की सरकार और वहां के लोगों को संप्रभुता देना चाहते हैं."

हॉलब्रुक के इस बयान से ठीक पहले अफगानिस्तान के राष्ट्रपति हामिद करजई ने द वॉशिंगटन पोस्ट अखबार को दिए इंटरव्यू में कहा कि अमेरिका को अफगानिस्तान में अपनी सैन्य गतिविधियां कुछ कम करनी चाहिए.करजई ने कहा कि लगभग 10 साल से जंग चल रही है और अफगान जनता की बेचैनी बढ़ रही है. उन्होंने कहा, "वक्त आ गया है जब अफगानिस्तान में "जूतों" की संख्या कुछ कम की जाए. अफगान जनता की जिंदगी में घुसपैठ कम करनी होगी."

वैसे होलब्रुक ने कहा कि अमेरिकी सेना के मौजूदा ऑपरेशन उन्हीं (करजई) की सरकार और जनता की तालिबान से रक्षा के लिए चलाए जा रहे हैं. उन्होंने कहा, "अगले हफ्ते नाटो देशों का एक सम्मेलन होगा जिसमें राष्ट्रपति बराक ओबामा और राष्ट्रपति हामिद करजई दोनों को अपनी योजनाएं और नीतियां बताने के लिए बुलाया जाएगा." वॉशिंगटन पोस्ट ने लिखा है कि शुक्रवार से लिस्बन में शुरू होने वाले इस सम्मेलन में अमेरिकी सरकार अफगानिस्तान में सुरक्षा जिम्मेदारियां स्थानांतरित करने की योजना पेश करेगी.

रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार

संपादनः ए कुमार

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