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अमेरिकी यूनिवर्सिटी में कबूतरबाजी

४ अगस्त २०१२

अमेरिका में ट्राई वैली यूनिवर्सिटी घोटाले के साल भर बाद दूसरा विश्वविद्यालय वीजा घोटाले में फंस रहा है. इसके सीईओ पर वीजा धांधली के आरोप लगाए गए हैं. यहां भारतीय छात्रों की संख्या अच्छी खासी है.

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तस्वीर: AP

कैलिफोर्निया की हेरगुआन यूनिवर्सिटी और ईस्ट वेस्ट मेडिसीन के सीईओ 34 साल के जेरी वांग पर वीजा नियमों में धांधली के आरोप लगाए गए हैं. सैन जोस जिला जज के यहां दायर मुकदमे में उन पर 15 आरोप लगे, जिनमें दावा किया गया है कि उन्होंने कागजात में हेर फेर करके विदेशों से छात्रों को अमेरिका बुलाया और उन्हें रहने दिया.

संघीय एजेंटों ने गुरुवार को हेरगुआन यूनिवर्सिटी में छापा मार कर वांग को गिरफ्तार कर लिया. अगर उन पर लगे आरोप सही साबित होते हैं तो उन्हें अधिकतम 85 साल तक की सजा मिल सकती है और इसके अलावा 10 लाख डॉलर का जुर्माना भरना पड़ सकता है.

इन मामलों में वांग के मां बाप के नाम भी लिए गए हैं. आरोप है कि 2007 से 2011 के बीच उन्होंने वीजा हासिल करने के लिए फर्जी स्थानांतरण पत्र और दूसरे दस्तावेजों का इस्तेमाल किया. आरोप है कि इन छात्रों के फर्जी दस्तावेजों के एवज में वांग ने मोटी ट्यूशन फीस वसूल की.

इस मामले की वजह से यूनिवर्सिटी के 450 छात्रों के भविष्य पर असर पड़ सकता है, जिनमें से ज्यादातर भारतीय हैं. यूनिवर्सिटी की वेबसाइट पर ग्रेजुएट कर रहे छात्रों की तस्वीरें हैं, जिनमें काफी भारतीय छात्र दिख रहे हैं. यूनिवर्सिटी ने वेबसाइट पर जानकारी दी है कि वांग ने पद से इस्तीफा दे दिया है और उनकी गिरफ्तारी से हेरगुआन यूनिवर्सिटी की पढ़ाई पर कोई असर नहीं पड़ेगा.

इस पर लिखा है, "यूनिवर्सिटी खुली है और यहां पढ़ाई चल रही है. सरकार ने जिन अधिकारियों पर आरोप लगाए हैं, उन्होंने इस्तीफा दे दिया है और इससे यूनिवर्सिटी पर प्रभाव नहीं पड़ा है. छात्रों के क्लास के शेड्यूल वैसे ही चल रहे हैं." इसमें यह भी कहा गया है कि अगर छात्रों के पास कानूनी वीजा है, तो उनके लिए कुछ भी नहीं बदला है. इसने वांग की जगह डोरीन सिमन्स को अंतरिम सीईओ बना दिया है.

अमेरिकी आव्रजन और कस्टम प्रवर्तन विभाग ने एक बयान में कहा है कि आरोपों के बाद हेरगुआन यूनिवर्सिटी और ईस्ट वेस्ट मेडिसीन विदेशी छात्रों को भर्ती करने का अधिकार खो सकती हैं.

सरकार ने वांग पर जो आरोप लगाए हैं, उनमें वीजा धांधली करने की साजिश रचने, फर्जी दस्तावेज इस्तेमाल करने, परिचय चुराने और गलत तरीके से सरकारी कंप्यूटरों तक पहुंच बनाने के आरोप शामिल हैं. वांग को गुरुवार को थोड़े समय के लिए अदालत में पेश किया गया और समझा जाता है कि 20 अगस्त को विस्तार से मुकदमा चलाया जाएगा.

सैन जोस के एक अखबार ने हेरगुआन यूनिवर्सिटी के एक छात्र राजीव का हवाला देते हुए रिपोर्ट छापी है कि छात्रों के लिए यह खबर सदमे की तरह आई. उनसे कहा गया कि अगर 15 दिन में यह सब नहीं बदलता, तो उन्हें दूसरे स्कूल में दाखिला लेना होगा या फिर देश छोड़ कर जाना होगा.

पिछले साल ट्राई वैली यूनिवर्सिटी को भी वीजा धांधली का दोषी पाया गया और इसके बाद यूनिवर्सिटी बंद करा दी गई. इस वजह से 1000 भारतीय छात्रों का भविष्य अधर में लटक गया. कई छात्रों के सामने देशनिकाला की नौबत आ गई थी. ट्राई यूनिवर्सिटी पर आरोप है कि उसने भारी भरकम पैसे लेकर गलत तरीके से छात्रों को एडमिशन दिया.

एजेए/एनआर (पीटीआई)

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