अमेरिकी गुरुद्वारों में नहीं जा सकेंगे भारतीय अधिकारी
९ जनवरी २०१८इंडियन एक्सप्रेस अखबार के मुताबिक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और शिवसेना के सदस्यों की एंट्री पर भी ये समिति गौर करेगी. इन समितियों ने अपने बयान में कहा है, "भारत सरकार के किसी भी अधिकारी या प्रतिनिधि को अमेरिका के गुरुद्वारों में किसी भी धार्मिक अनुष्ठानों में शामिल होने की अनुमति नहीं है."
हाल में ही न्यू यॉर्क के गुरुद्वारा सिख कल्चरल सोसायटी ने सतवंत सिंह और केहर सिंह की पुण्यतिथि का आयोजन किया था. केहर सिंह को पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या की साजिश रचने के लिए मौत की सजा दी गई थी. एससीसीईसी और एजीपीसी के प्रतिनिधि हिम्मत सिंह ने कहा, "कुल 116 गुरुद्वारा प्रंबधक समिति ने 6 जनवरी को हुई टेलीकॉन्फ्रेंस में हिस्सा लिया, जिनमें से 96 गुरुद्वारों ने भारतीय अधिकारियों के प्रतिबंध प्रस्ताव पर हामी भरी है."
बयान में कहा गया है कि गुरुद्वारों में आने से किसी व्यक्ति को रोका नहीं गया है लेकिन अगर कोई व्यक्ति अपने आधिकारिक पहचान के साथ आता है तो उसे प्रवेश की मनाही होगी. अमेरिका की सबसे बड़ी गुरुद्वारा संस्था होने का दावा करने वाली एससीसीईसी ने कहा है कि जून 1984 में अमृतसर के स्वर्ण मंदिर समेत अन्य गुरुद्वारों में हुए सैन्य आक्रमण के लिए भारतीय अधिकारी भी जिम्मेदार थे. साथ ही इन अधिकारियों की वजह से सिख समुदायों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा." संस्था ने यह भी कहा है कि भारतीय अधिकारी सिख परिवारों के धार्मिक कार्यों में दखल देते हैं इसलिए प्रतिबंध का फैसला लिया गया है.
सूत्रों के मुताबिक सरकारी अधिकारी इन गुरुद्वारों पर इसलिए नजर बनाए रखते हैं ताकि खालिस्तान बनाने जैसी मांगों के आधार को समझा जा सके. पंजाब चुनावों के दौरान ये मुद्दा अकसर चर्चा में रहता है.