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अमेरिकी कैदियों को फेसबुक का चस्का

११ फ़रवरी २०११

अमेरिकी राज्य दक्षिणी कैरोलाइना के कैदियों को फेसबुक का चस्का इस कदर लगा है कि वह सजा की परवाह भी नहीं कर रहे हैं. जेल के बाहर से मोबाइल अंदर फेंके जाते हैं और कैदी अपना स्टेटस अपडेट करते हैं.

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तस्वीर: picture alliance / dpa

''मुझे उसने फंसाया'', ''पैसा वहां मिलेगा'' फेसबुक पर इसी तरह के संदेश इन दिनों साउथ कैरोलाइना के कुछ कैदी लिख रहे हैं. वे जेल में हैं लेकिन बाहरी दुनिया और दोस्तों से पूरी तरह कनेक्ट हो रहे हैं. प्रोफाइल बनाना, स्टेट्स अपडेट करना और गुप्त ढंग से जानकारियां देना कई कैदियों के लिए आम बात हो गई है.

जेल की चाहरदीवारी के बाहर से कैदियों के लिए मोबाइल फोन फेंके जाते हैं. इसका नतीजा इंटरनेट की दुनिया में हर रोज दिखाई पड़ता है. लेकिन अब प्रशासन सख्त होने जा रहा है. जेल में मोबाइल फोन रखने और फेसबुक के इस्तेमाल पर पाबंदी की तैयारी की जा रही है.

अधिकारियों के मुताबिक इस पाबंदी को तोड़कर फेसबुक का इस्तेमाल करने वाले कैदियों की सजा अब बढ़ाई जा सकती है. फोन या फेसबुक का इस्तेमाल करने वाले कैदियों की सजा 30 दिन बढ़ाई जा सकती है. साथ ही 500 डॉलर का अतिरिक्त जुर्माना भी ठोंका जा सकता है.

अन्य राज्य भी कैरोलाइना प्रशासन के कदमों से सहमत है. साउथ कैरोलाइना के डेमोक्रेटिक नेता वेनडेल गिलार्ड कहते हैं, ''इन हरकतों से बाहर रहने वाले मासूम लोगों को परेशानी हो रही है. कैदी सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर कोड की शक्ल में गुप्त मैसेज लिखते हैं. वह इशारों में बता देते है कि पैसा कहां मिलेगा और उन्हें किसने फंसाया. बदला लेने की तैयारियां भी हो रही है.''

पिछले दिनों एक स्थानीय अखबार में हत्या के दोषी एक कैदी का प्रोफाइल छापा. इससे पता चला कि उसने एक पैकेट सिगरेट के लिए हत्या की. कैदी के फेसबुक एकाउंट के अपडेट्स से पीड़ित परिवार चौंक गया. ऐसे कुछ और मामले सामने आने के बाद प्रशासन ने फेसबुक से भी संपर्क किया है. लेकिन फेसबुक का कहना है, ''जेल में रहते हुए फेसबुक का इस्तेमाल करना हमारी नीतियों के खिलाफ नहीं है.''

रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह

संपादन: एस गौड़

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