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अमेरिका: रासायनिक हमले पर जल्द जवाब दिया जाएगा

१० अप्रैल २०१८

अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने सीरिया पर कथित तौर पर हुए रासायनिक हमले की आलोचना करते हुए कहा है कि इसका "जवाब" दिया जाएगा. अमेरिका समेत कई पश्चिमी देश इन हमलों के लिए सीरियाई शासन को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं.

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People at hospital after alleged chlorine gas attack in Idlib
तस्वीर: picture-alliance/AA/M. Bekkur

अमेरिका समेत तमाम पश्चिमी देश सीरिया में किए गए इन हमलों के लिए सीरियाई शासन को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. राहत कर्मियों के मुताबिक इन हमलों में करीब 49 लोग मारे गए हैं और दर्जनों घायल हुए हैं. इनमें बच्चे भी शामिल है. अमेरिकी राष्ट्रपति ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के विशेष सत्र के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा है, "हमारे पास काफी विकल्प है जिसके बारे में आपको हम जल्द ही सूचित करेंगे."

यूरोपीय संघ समेत तमाम पश्चिमी देशों ने सीरिया में हो रहे हमलों के लिए सीरियाई राष्ट्रपति बशर-अल-अशद को जिम्मेदार ठहराया. माना जाता है कि असद को रूस और ईरान का सहयोग हासिल है. फ्रांस सरकार के प्रवक्ता ने कहा, "अगर रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल करने की सीमा को पार कर दिया गया है तो अब निश्चित ही प्रतिक्रिया होगी." संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत निक्की हेली ने कहा कि सीरिया में आम लोगों के खिलाफ रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल पर संयुक्त राष्ट्र जरूर उत्तर देगा.

हेली ने कहा, "अब हम ऐसे क्षण में पहुंच गए हैं जब दुनिया के साथ न्याय किया जाना चाहिए. इतिहास इस पल को दर्ज करेगा जब सुरक्षा परिषद या तो अपने कर्तव्यों को पूरा करेगी या सीरिया के लोगों को बचाने में अपनी असफलता बता देगी."

रूस का पक्ष

अमेरिकी के तमाम आरोपों के बीच संयुक्त राष्ट्र में रूस के राजदूत वासिली नेविनजिया ने सीरिया के डूमा में किसी भी तरह के रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल से इनकार किया है. नेविनजिया के मुताबिक, "रूस ने अपने जांचकर्ता डूमा में भेजे थे, जांचकर्ताओं को किसी भी तरह के नर्व एजेंट या हमले में किए जाने वाले क्लोरीन का कोई सुराग या सबूत नहीं मिला है." रूसी राजदूत इन सभी आरोपों को "फेक" बताया है. साथ ही कहा कि यह रूसी जासूस को जहर दिए जाने के मामले में ब्रिटेन की ओर से ध्यान हटाने के लिए किया जा रहा है.

जांच जारी

वैश्विक जांच एजेंसी, ऑर्गनाइजेशन फॉर द प्रोहिबिशन ऑफ कैमिकल वैपन (ओपीसीडब्ल्यू) के मुताबिक उसने सीरिया में जांच अभियान शुरू कर दिया है. जांच के जरिए रासयनिक गैस के हमले का सच पता चल सकेगा. रसायनिक हथियारों के इस्तेमाल से इनकार करने वाले रूस ने पिछले ही दिनों कहा था कि वह ओपीसीडब्ल्यू को सहयोग देने के लिए तैयार है. 

सीरियाई सरकार ने रासायनिक हमलों के आरोपों को सिरे से नकारा है. सीरिया में 2011 में राष्ट्रपति असद के खिलाफ शुरू हुए हिंसक प्रदर्शनों और संघर्ष में अब तक करीब चार लाख लोग अपनी जान गंवा चुके हैं.

एए/ओएसजे (एएफपी, डीपीए)